Mehul Choksi Row: ‘गंभीर खामियां है’, मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल ने हटाया रेड कॉर्नर नोटिस तो बोली CBI
PNB Scam Mehul Choksi: हजारों करोड़ रुपयों की बैंक से धोखाधड़ी करके फरार भगोड़े मेहुल चोकसी को लेकर इंटरपोल के रेड नोटिस हटाने पर सीबीआई ने अपना बयान जारी किया है.
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CBI Contacted Interpol: पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी करके भागे हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को लेकर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस वापस ले लिया. इसके बाद सीबीआई ने इंटरपोल से संपर्क करके नोटिस बहाली की मांग की है. सीबीआई ने कहा है कि उसका नाम भगोड़ों की लिस्ट से हटाने का निर्णय केवल काल्पनिक और अप्रमाणित अनुमानों पर आधारित था. इसमें गंभीर कमियां थीं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इंटरपोल की फाइलों के नियंत्रण के लिए आयोग (सीसीएफ) ने नवंबर 2022 में चोकसी का नाम रेड नोटिस सूची से हटा दिया था. नोटिस को हटाने का मतलब है कि चोकसी साल 2018 में भारत से भागने के बाद स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकता है. एजेंसी के मुताबिक मेहुल चोकसी एंटीगुआ और बारबुडा में छिपा हुआ है.
कब आया सीबीआई का ये बयान?
दरअसल, इससे पहले सीसीएफ की ओर से ये बात सामने आई थी कि इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) वापस ले लिया है. इंटरपोल की नजर में अब मेहुल चोकसी भगोड़ा नहीं रहा है. अब वह भारत को छोड़कर पूरी दुनिया में कहीं भी आराम से आ जा सकता है. इस मामले के सामने आने के बाद देश में हड़कंप मच गया और इसके बाद सीबीआई ने बयान जारी किया है.
एजेंसी ने कहा, ‘‘केवल काल्पनिक और अप्रमाणित अनुमानों के आधार पर पांच सदस्यीय सीसीएफ चैंबर ने नवंबर, 2022 में रेड कॉर्नर नोटिस को हटाने का निर्णय लिया.’’ एजेंसी ने कहा कि सीसीएफ ने बाद में सीबीआई को स्पष्ट किया है कि उसका फैसला किसी भी तरह से मेहुल चोकसी के किसी भी अपराध या निर्दोषता पर कोई प्रभाव नहीं डालता है, जिस पर भारत में आरोप लगाया गया है.
सीबीआई ने कहा, ‘‘ताजा सूचना और निर्णय में गंभीर त्रुटियों के आधार पर सीबीआई, सीसीएफ के निर्णय को संशोधित करने के लिए कदम उठा रही है.’’ इसने कहा, ‘‘सीबीआई इस दोषपूर्ण निर्णय को सुधारने और रेड कॉर्नर नोटिस की बहाली के लिए इंटरपोल के भीतर उपलब्ध उपचारात्मक और अपीलीय विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है.’’
मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
मेहुल चोकसी के मामले पर राजनीति के गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शायराना अंदाज में ट्वीट किया, "विपक्षी नेताओं के लिए ED-CBI, पर मोदी जी के 'हमारे मेहुल भाई' के लिए इंटरपोल से रिहाई! जब 'परम मित्र' के लिए कर सकते हैं संसद ठप, तो 'पुराना मित्र' जिसको किया था 5 साल पहले फरार, भला उसकी मदद से कैसे करें इनकार? डूबे देश के हजारों-करोड़, 'न खाने दूंगा' बना जुमला बेजोड़!"
मल्लिकार्जुन खरगे ने भगोड़े मेहुल चोकसी का जिक्र करते हुए अपने एक बयान में ये भी कहा, "भारत के बैंकों से पैसे उठा लेते है, ऐसे लोगों को सुरक्षा देने वाले देश भक्ति की बात करते हैं."
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी सरकार मेहुल चोकसी को रेड कारपेट सुविधा उपलब्ध करा रही है. पूरी बीजेपी उसे बचाने में लगी हुई है. चोकसी जब भागकर एंटीगुआ पहुंचा तो बीजेपी सरकार ने पर कार्रवाई करने के बजाय उसे एंटीगुआ की नागरिकता दिलवाने के लिए NOC जारी कर दिया. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर उसे एंटीगुआ की नागरिकता मिली.
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