नई दिल्ली: गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चोकसी ने अपनी खराब सेहत और पासपोर्ट निलंबन का हवाला देते हुए कहा है कि उसके लिए अभी भारत लौटना और जांच में शामिल होना असंभव है. पीएनबी में 12000 करोड़ रुपये से अधिक के धोखाधड़ी मामले में चोकसी और उसकी कंपनियां भी जांच के दायरे में हैं.


केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने इस जांच के सिलसिले में चोकसी से हाजिर होने को कहा था. इस पर ईमेल से भेजे अपने विस्तृत जवाब में चोकसी ने कहा है कि भारतीय अधिकारियों ने उसका पासपोर्ट निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उसका इलाज भी चल रहा है इसलिए वह यात्रा नहीं कर सकता.


सात पन्नों के इस पत्र में चोकसी ने कहा है कि वह इस मामले में अपनी हाजिरी को लेकर कोई नियम शर्त तय नहीं कर रहे लेकिन चूंकि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उनका पासपोर्ट निलंबित कर दिया है इसलिए मेरे लिए वापस भारत लौटना असंभव है. चोकसी के अनुसार पासपोर्ट कार्यालय ने उसे भारत के लिए सुरक्षात्मक खतरा बताते हुए उसका पासपोर्ट निलंबित करने की सूचना दी लेकिन यह नहीं बताया कि वह कैसे देश के लिए खतरा है.


इसके साथ ही चोकसी ने अपनी दिल से जुड़ी बीमारी का भी हवाला दिया है. उसके अनुसार इसका इलाज चल रहा है और उसे कम से कम चार से छह महीने तक यात्रा की अनुमति नहीं है. चोकसी का कहना है कि उन्हें उन व्यक्तियों और इकाइयों से धमकी मिल रही है जिनके साथ उनके कारोबारी रिश्ते रहे हैं. उसकी संपत्तियों को कुर्क कर दिया गया है जिसके चलते उसके अपने ही कर्मचारी, ग्राहक और कर्जदार उसके प्रति नाराजगी रख रहे हैं.


चोकसी ने कहा, ‘ मैं अपने स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को लेकर चिंतित हूं. अगर मैं गिरफ्तार होता हूं तो मुझे उचित इलाज नहीं मिलेगा और केवल सरकारी अस्पताल की सेवाएं लेनी होंगी. मुझे प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने की इजाजत भी नहीं होगी.’ उसने इस मुद्दे के राजनीतिकरण पर भी चिंता जताई है. उसका कहना है कि मीडिया जिस तरह से पीछे पड़ा है वह उसके मूल अधिकारों के लिए गंभीर खतरा है.


गौरतलब है कि पीएनबी में12,700 करोड़ रुपये के इस धोखाधड़ी मामले में अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा चोकसी सहित दूसरे लोगों के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच चल रही है.