नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 20वां दिन है. इस बीच उत्तर प्रदेश के भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. इन पदाधिकारियों ने नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया और एक ज्ञापन सौंपा.
नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट करते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश से आए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने आज कृषि भवन नई दिल्ली में मिलकर नए कृषि बिलों के समर्थन में ज्ञापन दिया और कहा कि ये बिल पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के रिफॉर्म्स की अपेक्षा देश को बहुत पहले से थी, आज मोदी जी के नेतृत्व में यह अब पूरी हुई है. कुछ लोग इन बिलों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं, किसी को भी गुमराह होने की जरुरत नहीं है.”
आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा- हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं
उधर सिंधु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेता इंद्रजीत ने मीडिया को बताया कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लोग 20 दिसंबर को गांवों और प्रखंडों में श्रद्धांजलि देंगे. सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि लड़ाई ऐसे दौर में पहुंच गयी है, जहां हम जीतने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सोमवार को देश के 350 जिलों में हमारा प्रदर्शन सफल रहा, किसानों ने 150 टोल प्लाजा को ‘मुक्त’ कराया.
किसान नेताओं ने कहा कि अब तक विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 20 किसान ‘शहीद’ हो गए. प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई है. हम वार्ता से नहीं भाग रहे, लेकिन सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आना होगा.
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार कह रही है कि वह इन कानूनों को निरस्त नहीं करेगी, हम कह रहे हैं कि हम आपसे ऐसा करवाएंगे. किसान नेताओं ने कहा कि वे बुधवार को दिल्ली-नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह अवरुद्ध करेंगे.
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