नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से निर्भया कोष के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए मंजूर की गई रकम का सिर्फ 16 फीसदी ही इसे इस्तेमाल करने वाली एजेंसियां खर्च कर पाईं.


साल 2015-16 तक ‘निर्भया कोष संबंधी लोक खाते’ में 2,000 करोड़ रूपए की राशि भेजी गई. साल 2016-17 के लिए 500 करोड़ रूपए इसमें और दिए गए. मंत्रालय ने करीब 2,200 करोड़ रूपए की योजनाओं को मंजूरी दी थी जिनमें से 1,530 करोड़ रूपए इसकी ओर से जारी किए गए.


बहरहाल, मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्भया कोष के तहत योजनाओं पर 400 करोड़ रूपए ही खर्च किए गए. दिल्ली में दिसंबर, 2012 में सामूहिक बलात्कार की जघन्य घटना के बाद यूपीए सरकार ने 2013 में निर्भया कोष की स्थापना की थी.