वाराणसी: प्रवासी भारतीय दिवस का आगाज हो चुका है. लेकिन तीन दिनों तक चलने वाला यह कार्यक्रम पहले ही दिन विवादों में आ गया. दरअसल, MeToo कैंपेन (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) की चपेट में आए एमजे अकबर को विदेश मंत्रालय के डेलीगेट किट के कवर पर जगह दी गई है.
वाराणसी में आज से शुरू हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन 23 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान जो भी प्रतिनिधि सम्मेलन में आ रहे हैं उन्हें एक किट दिया जा रहा है. किट में बुकलेट भी है जिसके कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह की तस्वीर छपी है. उनके साथ एमजे अकबर की भी फोटो है. फोटो के साथ उनका पद विदेश राज्य मंत्री लिखा गया है. बुकलेट में मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलताओं का जिक्र किया गया है.
सवाल उठ रहे हैं कि विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफे के तीन महीने बाद भी कैसे प्रवासी भारतीय दिवस के डेलीगेट किट पर अकबर के फोटो को जगह दी गई. 10 से अधिक महिला पत्रकारों के आरोपों के बाद एमजे अकबर ने पिछले साल 17 अक्टूबर को विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.
तब उन्होंने कहा था, "मैंने निजी क्षमता से कानून की अदालत में न्याय पाने का निर्णय लिया है, इसलिए मैं पद से हट जाने को उचित मानता हूं और मैं मेरे विरुद्ध लगे आरोपों के खिलाफ निजी क्षमता से लड़ूंगा."
एमजे अकबर ने उनके ऊपर सबसे पहले आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है. अकबर साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें 2016 में सरकार में शामिल किया गया था.