नई दिल्ली: पत्रकार से राजनेता बने एम जे अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इस मामले के बाद अब अमेरिका के एक प्रमुख मीडिया हाउस की संपादक ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर 23 साल पहले भारत में अपने साथ रेप का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उन्होंने एक अखबार का प्रधान संपादक होने के नाते अपने पद का इस्तेमाल कर उनका यौन शोषण किया.


बहरहाल, अकबर के वकील ने इन आरोपों से इनकार किया है. इस मामले पर अपनी सफाई देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''29 अक्टूबर 2018 को वाशिंगटन पोस्ट ने 23 साल पहले होने वाली घटनाओं के बारे में गुप्त और गैर-जरूरी सवालों की एक सीरीज मेरे वकीलों को भेजी थी. ये आरोप झूठे थे, जिसका उत्तर नहीं दिया गया था.''


न्यूज़ एजेंसी एनआई को बयान देते हुए एम जे अकबर ने कहा, ''2 नवंबर 2018 को वाशिंगटन पोस्ट ने महिला पत्रकार की तरफ लिखे एक लेख को छापा है, जिसमें मेरे खिलाफ महिला पत्रकार ने अपने रेप और हिंसा के झूठे आरोपों का विवरण दिया है. इस लेख को पढ़ने के बाद कुछ सच्चाई पर प्रकाश डालना अब आवश्यक हो गया है.''


अकबर ने कहा, ''साल 1994 के आस-पास मेरे और महिला पत्रकार के बीच आपसी सहमति से संबंध बना जिसमें कई महीने बीत गए. यह संबंध मेरे घरेलू जिंदगी में कलह का कारण बना. यह संबंध एक बुरे नोट पर खत्म हुआ.''


एम जे अकबर ने कहा कि जो लोग उनके साथ काम कर चुके हैं वो उनकी कही हुई इस बात की गवाही जरूर देंगे कि कार्यस्थल पर महिला पत्रकार के साछ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जिसका उन्होंने अपने लेख में किया है. अकबर के मुताबिक, महिला पत्रकार की तरफ से लगाए सारे आरोप बेबुनियाद हैं.


वाशिंगटन पोस्ट में महिला पत्रकार ने लगाए ये आरोप


अकबर के खिलाफ कई महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. इसके बाद 67 साल के अकबर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल से अक्टूबर में इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने भारत में ‘मी टू’ अभियान के जोर पकड़ने के बीच अपने खिलाफ आरोप लगाने वाली महिलाओं में से एक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है.


महिला पत्रकार ने ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ में एक लेख में अपनी जिंदगी के सबसे दुखभरे पलों के बारे में विस्तार से लिखा है. अकबर के वकील संदीप कपूर ने कहा, ‘‘मेरे मुवक्किल इन आरोपों को झूठा बताते हैं और स्पष्ट रूप से इससे इनकार करते हैं.’’ अमेरिकी महिला पत्रकार से पहसे एक और महिला पत्रकार ने कहा कि उस समय ‘एशियन एज’ अखबर के प्रधान संपादक अकबर एक प्रतिभाशाली पत्रकार थे लेकिन उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल कर उनका यौन शोषण किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो शेयर कर रही हूं वे मेरे जीवन के सबसे कष्टदायी पल हैं. मैंने 23 साल तक उन्हें दबा कर रखा.’’


उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि कैसे अकबर ने नई दिल्ली से मुंबई-जयपुर-लंदन तक एशियन एज में काम करते हुए सालों तक उनका शारीरिक तथा मानसिक शोषण किया. महिला पत्रकार ने बताया कि जब उन्होंने एशियन एज में काम करना शुरू किया तब उनकी उम्र 22 साल थी. वह अकबर के व्यक्तित्व से प्रभावित थीं. उनकी भाषा, मुहावरों का इस्तेमाल करने के उनके तरीके से प्रभावित थीं और इसलिए उन्होंने सभी अपशब्द सहे.


महिला पत्रकार 23 साल की उम्र में ओपेड पेज की संपादक बनी जो इतनी कम उम्र में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. पत्रकार ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन मुझे अपनी पसंदीदा नौकरी के लिए जल्द ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी. यह 1994 की गर्मियों का वक्त रहा होगा और मैं उनके ऑफिस में गई. उनका दरवाजा अक्सर बंद रहता था. मैं उन्हें ओपेड पेज दिखाने गई जो मैंने बनाया था. उन्होंने मेरी कोशिश की सराहना की और अचानक मुझे चूमने के लिए झपट पड़े. मैं लड़खड़ा गई. मैं ऑफिस से बाहर निकल आई. मेरा चेहरा लाल था, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैं शर्मिंदा और बहुत टूटी हुई महसूस कर रही थी.’’


उन्होंने दावा किया कि इसके कुछ महीने बाद दूसरी घटना हुई जब उन्हें एक मैगजीन शुरू करने में मदद के लिए मुंबई बुलाया गया. महिला पत्रकार ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा, ‘‘उन्होंने लेआउट देखने के लिए एक बार फिर मुझे ताज होटल के अपने कमरे में बुलाया. जब वह दोबारा मुझे चूमने के लिए मेरे करीब आए तो मैंने उन्हें पीछे धकेल दिया. जैसे ही मैं भागी उन्होंने मेरे चेहरे को खरोंच दिया, मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे. उस शाम मैंने अपनी एक दोस्त को बताया कि मैं होटल में गिर गई थी जिससे मुझे खरोंचें आई.’’


उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली वापस आईं तो अकबर ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने दोबारा रोका तो वह नौकरी से निकाल देंगे लेकिन उन्होंने अखबार नहीं छोड़ा. उन्होंने दावा किया कि एक खबर के सिलसिले में वह जयपुर गई. जब वह वापस आने लगीं तो अकबर ने कहा कि वह जयपुर में उनके होटल में अपनी खबर पर चर्चा करने के लिए आ सकती हैं.


महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘उनके होटल के कमरे में मैंने विरोध किया लेकिन वह शारीरिक रूप से अधिक शक्तिशाली थे. उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरा बलात्कार किया.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस में शिकायत करने के बजाय वह शर्म महसूस कर रही थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तब इसके बारे में किसी को नहीं बताया. क्या कोई मुझ पर यकीन करता? मैंने अपने आप को जिम्मेदार ठहराया.’’


महिला पत्रकार ने दावा किया कि इसके बाद उनपर अकबर की पकड़ मजबूत हो गई. कुछ महीने तक वह उनका फिजिकल और इमोशनल शोषण करते रहे और उनसे अभद्र भाषा में बात करते रहे. जब वह उन्हें किसी पुरुष सहकर्मी से बात करते हुए देखते तो न्यूजरूम में उस पर चिल्ला पड़ते. यह सब भयानक था.


उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज बता नहीं सकती कि कैसे और क्यों मेरे ऊपर उन्होंने ताकत आजमाई, क्यों मैंने सहा. इसलिए कि मुझे अपनी नौकरी खोने का डर था? मुझे बस इतना पता है कि उस समय मैं अपने आप से नफरत करती थी और मैं हर रोज थोड़ा-थोड़ा मर रही थी.’’ उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसे ही असाइनमेंट मिलते रहे जिनमें उन्हें दूर जाना पड़ता था.


महिला पत्रकार ने 1994 के चुनावों की कवरेज को याद किया. अकबर ने कहा कि उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें अमेरिका या ब्रिटेन भेजा जाएगा. महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘मुझे लगा आखिरकार शोषण रुक जाएगा क्योंकि मैं दिल्ली ऑफिस से बहुत दूर होउंगी. बल्कि सच यह था कि वह मुझे दूर इसलिए भेज रहे थे ताकि मैं कोई विरोध ना कर सकूं और वह जब भी शहर में आएं तो मेरा यौन शोषण कर सकें.’’


उन्होंने आरोप लगाया कि एक बार अकबर ने लंदन ऑफिस में उनके साथ काम किया. वहां जब उन्होंने एक पुरुष सहकर्मी से उसे बात करते हुए देखा तो उन्हें मारा और अपने डेस्क से उठाकर चीजें उनपर फेंकी. कैंची या जो भी उनके हाथ में आया वह उनपर देकर मारा. वह भाग गईं और हाइड पार्क में छिप गईं.


अकबर ने उन्हें वापस मुंबई बुलाया जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और न्यूयॉर्क में डो जोन्स में नौकरी शुरू की. उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं अमेरिकी नागरिक हूं. मैं एक पत्नी और मां हूं. मैंने टुकड़ों-टुकड़ों में अपनी जिंदगी समेटी. मेरी अपनी मेहतन, लगन और प्रतिभा मुझे बिजनेस वीक, यूएसए टूडे, एसोसिएटेड प्रेस और सीएनएन लेकर गई. आज, मैं नेशनल पब्लिक रेडियो में लीडर हूं. मैं जानती हूं कि मुझे नौकरी पाने और सफल होने के लिए शोषण नहीं सहना है.’’


महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘इतने सालों में, मैंने अकबर के बारे में बात नहीं की. मुझे हमेशा लगा कि अकबर कानून से ऊपर है और उन पर कानून लागू नहीं होता. मुझे लगा कि उन्होंने जो मेरे साथ किया उसे उसकी कीमत कभी नहीं चुकानी पड़ेगी.’’


उन्होंने कहा कि अकबर ने इन आरोपों को निराधार और झूठा बताया है और उनके खिलाफ बोलने वाली एक पत्रकार पर मुकदमा दायर किया है. महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘मुझे इससे हैरानी नहीं होती. वह सोचते हैं कि उन्हें आज ‘सच’ की अपनी कहानी सुनाने का अधिकार है, जैसे उन्हें उस समय लगता कि उनका हमारे शरीर पर अधिकार है.’’