नई दिल्ली: MeToo मूवमेंट का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हॉलीवुड से होते हुए बॉलीवुड में भी मुहिम की तरह फैलने के बाद अब इसकी ज़द में पत्रकार बिरादरी के कुछ बड़े नाम भी आ गए हैं. अपनी कलम की ताकत से पत्रकारिता जगत में बड़ा नाम, सम्मान और शोहरत पाने वाले मौजूदा विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं. अकबर पर लगे आरोपों के बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने उनके इस्तीफे की मांग की है. पार्टी प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, "R-E-S-I-G-N, समय आ गया है, #TimeIsUP."


तिवारी ने आगे कहा, "लोगों ने बता दिया है कि इस तरह के लोग पब्लिक स्फीयर (सार्वजनिक क्षेत्र) में नेतृत्व के रोल में नहीं रह सकते हैं." एसपी के तिवारी ने कहा कि इस समय सरकार तो बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नहीं कर पाएगी. साथ ही मांग की कि नागरिकों ने इसे एक अभियान बनाया है तो सरकार की जिम्मेदारी है कि तुरंत उन्हें बर्खास्त कर दे. उन्होंने ये भी कहा कि जिसका भी नाम आए उसके साथ यही होना चाहिए. अकबर के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप बेहद प्रमाणिक सूत्रों से आए हैं और जब तक  वो आरोपों से बरी नहीं हो जाते, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए.


आपको बता दें कि प्रिया रमानी ने अपने आरोप को पूरी मजबूती के साथ पेश किया है और इस सिलसिले में कई ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने न सिर्फ अपना पूरा दर्द बयान किया है, बल्कि यौन शोषण की पूरी कहानी को दोहराई है. उन्होंने एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा है, "इस आर्टिकल में एम जे अकबर के साथ की मेरी कहानी है.  कभी उनका नाम नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं 'किया' था." वो आगे लिखती है कि कई महिलाओं के पास इस शिकारी को लेकर और घटिया कहानियां हैं- संभव है इसके बाद वो अपनी कहानी साझा करें.


अपनी कहानी में प्रिया ने बताया है कि कैसे एक युवा पत्रकार के तौर पर वो और उनके साथ आए तमाम सहकर्मी एमजे अकबर को सम्मान से देखते थे और अबकर के साथ काम करना उनकी हसरत पूरी होने जैसा था.


I began this piece with my MJ Akbar story. Never named him because he didn’t “do” anything. Lots of women have worse stories about this predator—maybe they’ll share. #ulti https://t.co/5jVU5WHHo7





नीचे पढ़ें, रमानी की लिखी अपबीती का पूरा ब्यौरा




मीडिया तक पहुंचा #MeToo
आपको बता दें कि #MeToo मूवमेंट के तहत ऐसे आरोपों के दायरे में मीडिया के भी कई लोग आ गए हैं जिनपर यौन शोषण के आरोप लगे हैं. इन आरोपों का सामना कर रहे नामों में अकबर अब तक का सबसे बड़ा नाम हैं. आपको बता दें कि भारत में ये कैंपेन पूर्व मिस यूनिवर्स और बॉलीवुड अदाकारा तनुश्री दत्ता के उन आरोपों के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने दिग्गज बॉलीवुड स्टार नाना पाटेकर पर यौन शोषण के आरोप लगाए.


क्या है #MeToo
MeToo Movement: आजकल सोशल मीडिया पर #MeToo नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है. इसके जरिए महिलाएं अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटना के बारे में खुलकर बात कर रही हैं. सोशल मीडिया पर महिलाएं अपने बुरे अनुभवों को शेयर करते हुए बता रही हैं कि किस तरह से वर्क प्लेस पर पुरुषों ने उनका फायदा उठाया. शुरुआत में तो इस हैशटैग के जरिए मशहूर महिला कलाकारों ने अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटनाओं को शेयर किया, लेकिन अब इस मुहिम में आम महिलाएं भी अपने बुरे अनुभव शेयर कर रही हैं. फिल्म डायरेक्टर विकास बहल पर एक महिला की ओर से सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप लगाए जाने के बाद से भारत में इस मुहिम को काफी ज्यादा समर्थन मिल रहा है. हाल में, तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर के बीच के विवाद ने इस मुहिम को हवा दी थी.


इस मुहिम के शुरुआत के बाद अब धीरे-धीरे महिलाएं अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं. पहले वो किसी दबाव की वजह से कुछ भी कहने से बचती थीं, लेकिन अब वहीं महिलाएं खुलकर अपनी बातें #MeToo कैंपेन के तहत कह रही हैं. इस मुहिम की वजह से अब वो लोग डरने लगे हैं जिन्होंने कभी-भी किसी महिला के साथ गलत व्यवहार किया है. हालांकि, इस मुहिम से जस्टिस जैसी कोई बात तो नहीं हो रही है लेकिन कम-से-कम इससे समाज में ये संदेश तो मिल रहा है कि अब महिलाएं अब और यौन शोषण नहीं सहेंगी. अब कोई पुरुष वर्क प्लेस पर या कहीं भी अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके किसी महिला का फायदा उठाने से पहले दस बार सोचेगा.


लेकिन #MeToo कोई ऐसा मामला नहीं है, जो पहली बार आया है, बल्कि इसकी शुरुआत हॉलीवुड से होती है.