Pollution In Metro Cities: भारत की राजधानी दिल्ली समेत अन्य महानगरों में प्रदूषण में बढ़ोतरी चिंता बढ़ा रहा है. राजधानी दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से धुंध नहीं छट रही है. इसकी वजह से कई इलाकों में फेफड़े और दिल से संबंधित बीमारी से पीड़ित मरीज़ों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है.


दिल्ली के अलावा अन्य महानगरों मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है. आज हम आपको सिलसिलेवार तरीके से चारों महानगरों में प्रदूषण की स्थिति के बारे में बताते हैं और यह भी बताएंगे कि इसके मुख्य कारण क्या हैं.


राजधानी दिल्ली में सबसे खराब स्थिति


देश के सभी बड़े शहरों में जहां वाहनों की संख्या अधिक है और आबादी घनी है वहां प्रदूषण की समस्या पैर जमा चुकी है. सबसे बुरा हाल राजधानी दिल्ली का है. यहां प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि आम लोगों को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक आज गुरुवार (9 नवंबर) को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 431 पर जा पहुंचा है जो सामान्य से करीब पांच गुना अधिक है. इसी वजह से दिल्ली के साथ ही एनसीआर में लगातार वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में बनी हुई है. इतने अधिक स्तर पर AQI का जाना खतरनाक माना जाता है.


केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण का स्तर और बिगड़ने वाला है जो दिल्ली वासियों के लिए चिंता का सबब है.


अन्य मेट्रो शहरों में भी हालत खराब


राजधानी दिल्ली के अलावा अन्य महानगरों में भी प्रदूषण की वजह से हालात और बिगड़ रहे हैं. कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी हवा की गुणवत्ता इस कदर बिगड़ी है कि वहां रहने वालों की सेहत बिगड़ सकती है. अगर बात करें पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की तो यहां केन्द्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक वायु प्रदूषण सूचकांक 175 पर है. यह सामान्य से करीब चार गुना है. हालांकि यह बहुत खराब नहीं लेकिन खराब स्तर पर है.


इसी तरह देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी वायु प्रदूषण सूचकांक 125 पर है जो लगभग संतोषजनक है. तमिलनाडु के चेन्नई में AQI आज गुरुवार (9 नवंबर) 66 पर है जो सामान्य माना जा रहा है.


इन वजहों से शहरों में बढ़ रहा प्रदूषण  


इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) कानपुर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या चेन्नई में सबसे ज्यादा प्रदूषण सड़कों पर उड़ने वाली धूल से हो रहा है. इसके अलावा इन शहरों में वाहनों की संख्या अधिक होने की वजह से लगातार हो रहा कार्बन उत्सर्जन भी प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण है.


इसके अलावा घनी आबादी भी एक महत्वपूर्ण कारणों में से एक है. फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं भी वातावरण में प्रदूषण का लेवल बढ़ाने में सबसे खतरनाक भूमिका निभाता है. इसके अलावा राजधानी दिल्ली और NCR में प्रदूषण के मुख्य कारण और मैं सीमावर्ती राज्यों उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब में खेतों में फ़रारी का जलाया जाना भी है.


आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त रुख अख्तियार किया है और केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि अगर प्रदूषण रोकथाम के लिए कारगर कदम नहीं उठाए गए तो कोर्ट कड़ा कदम उठाएगा.


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