नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र में तकरार और अधिक बढ़ सकता है. राज्य में चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा की घटना पर केंद्रीय गृह सचिव ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि वह तत्काल रिपोर्ट सौंपें.


सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव ने सख्त लहजे में कहा कि बंगाल में अब भी हिंसा जारी है, इसपर कोई उचित कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. बंगाल सरकार गृह मंत्रालय को जवाब दे नहीं तो गंभीरता से लिया जाएगा. तीन मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी.


सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के फौरन बाद फैली हिंसा को लेकर जो रिपोर्ट तलब की गई थी उस बाबत बंगाल प्रशासन ने 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय तक नहीं भेजा.


उधर पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर जारी है बीजेपी लगातार यह आरोप लगा रही है कि पश्चिम बंगाल में उसके कार्यकर्ताओं का जबरदस्त उत्पीड़न किया जा रहा है और यहां तक कि इस उत्पीड़न के चलते सैकड़ों लोग पश्चिम बंगाल छोड़कर असम सीमा में जा बैठे हैं. पश्चिम बंगाल से लगातार सामने आ रही हिंसा की रिपोर्टों के मद्देनजर और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोई रिपोर्ट ना भेजे जाने के चलते केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक कड़ा पत्र पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को भेजा है.


सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव द्वारा बंगाल के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में  राजनीतिक हिंसा लगातार चल रही है लेकिन उसे रोकने के लिए कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं की गई है जिसे लेकर केंद्र सरकार बेहद चिंतित है. पत्र में कहा गया है कि सबसे पहले इस हिंसा को रोकने के लिए जो भी जरूरी कार्रवाई है वह की जाए.


साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत प्रदेश सरकार से 48 घंटे पहले रिपोर्ट मांगी थी लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक कोई रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को नहीं भेजी है और दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में लगातार हिंसा जारी है जिसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय बेहद परेशान है.


पत्र में कहा गया है कि लोगों की जानमाल की रक्षा करना प्रदेश सरकार का पहला कर्तव्य है. पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि प्रदेश सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस हिंसा की बाबत मांगी गई रिपोर्ट को नहीं भेजेगी तो इसे बेहद गंभीरता से देखा जाएगा.


 यानी साफ जाहिर है कि प्रदेश में नई सरकार के बनते ही एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रदेश प्रशासन आमने सामने आ गए हैं . जहां एक तरफ इस मामले में अब तक अनेक लोगों की जान चली गई है और अनेक स्थानों पर असामाजिक तत्वों का खेल अभी भी जारी है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी गरमा गई है. हालांकि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता इस हिंसा को रोकने की है क्योंकि बंगाल को हिंसा पसंद नहीं है.


दूसरी तरफ बीजेपी के बड़े नेता इस मामले में लगातार प्रदेश प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं जिसके चलते हिंसा लगातार भड़कने और इस बाबत दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही ना होने की बात कही जा रही है. देखना यह होगा कि अब प्रदेश प्रशासन इस मामले में कब तक अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजता है क्योंकि केंद्रीय मंत्रालय ने इस मामले में तत्काल रिपोर्ट तलब की है.


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