मुंबई: महाराष्ट्र आवासीय और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएचएडीए) ने दावा किया कि दक्षिणी मुंबई के डोंगरी क्षेत्र में जो चार मंजिला इमारत दिन में गिरी है, वह अनाधिकृत थी. ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस दुर्घटना में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है. बचाव कार्य अभी जारी है और बहुत से लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. एमएचएडीए ने एक बयान में दावा किया, ''एमएचएडीए की मरम्मत और पुनर्निर्माण बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि उनके दायरे में आने वाली 25/सी केसरबाई इमारत नहीं गिरी है, आज सुबह गिरी इमारत दूसरी है.''
एमएचएडीए के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वैशाली गडपाले ने कहा, ''वास्तव में एमएचएडीए की इमारत के पीछे बनी हुई अनाधिकृत इमारत गिरी है.'' एमएचएडीए के सूत्रों ने बताया कि केसरबाई के रहने वाले लोगों (कुछ अधिकारियों ने इस जगह को केसरबाग नाम दिया था) ने इस इमारत को 2018 में खाली कर दिया था क्योंकि यह जीर्ण-शीर्ण हो गई थी. दरअसल, एमएचएडीए कई पुरानी और जीर्ण-शीर्ण निजी इमारतों के रख-रखाव का काम करती है और इस तरह की इमारतों को सेस्ड यानी उपकर इमारत कहा जाता है क्योंकि यहां रहने वाले लोग एमएचएडीए को टैक्स देते हैं.
इससे पहले स्थानीय लोगों का कहना था कि जो इमारत गिरी है, वह उपकर वाली इमारत है जिसका रखरखाव एमएचएडीए करती है. लेकिन एमएचएडीए के मरम्मत बोर्ड के प्रमुख विनोद घोसालकर ने कहा कि यह इमारत उनके दायरे में नहीं आती है. इसी बीच मुंबई पुलिस ने इस घटना के संबंध में दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर ली है. मुंबई (दक्षिणी क्षेत्र) के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त निशीथ मिश्रा ने बताया, ''हम दुर्घटना का वास्तविक कारण जानने के लिए जांच करेंगे.'' यह चार मंजिला इमारत आज सुबह गिर गई थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह इमारत करीब 100 साल पुरानी थी. यह जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची में नहीं थी और इसके पुनर्विकास का काम एक डेवलपर को दिया गया था. इस इमारत में 10-15 परिवार रह रहे थे.
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