मुंबई: म्हाडा (Maharashtra Housing and Area Development Authority) ने मुंबई की 21 सबसे खतरनाक जर्जर इमारतों की लिस्ट जारी की है, जो बारिश में कभी भी खतरे का सबब बन सकती हैं. हैरानी की बात ये है कि इन जर्जर इमारतों में लोग अभी भी रहते हैं. इन जर्जर इमारतों में करीब 700 लोग अभी भी जान जोखिम में डाल कर रहते हैं.
मुंबई के डोंगरी इलाके में जिस इमारत को म्हाडा ने जर्जर घोषित किया है, हम वहां पर पहुंचे. वहां के लोगों से बात करने की कोशिश की. हमने देखा कि पूरी इमारत बाहर से जर्जर दिख रही है. म्हाडा की नोटिस भी लगाई गई है, जिसे फाड़ दिया गया है. लेकिन जब वहां रहने वाले लोगों से हमने बात करने की कोशिश की, तो लोगों ने बात करने से इंकार कर दिया.
मुंबई के गिरगांव खेतवाड़ी की वाघेला कूपर नामक इमारत भी म्हाडा की जर्जर लिस्ट में है. हमने यहां रहने वाले लोगों से बात करने की कोशिश की तो वे लड़ने लगे. यहां जो जर्जर इमारत की नीचे दुकानें हैं उन लोगों ने कहा कि हम जान जोखिम में डालकर अपना धंधा कर रहे हैं. अपने पैसे से अपनी दुकान को रिपेयर करवाते हैं. लेकिन इसका मालिक कोई भी ख्याल नहीं रखता है. म्हाडा नोटिस पर नोटिस दे रही है और खतरा सालों से हरदम बना हुआ है.
दुकानदारों से बातचीत
म्हाडा के पिछले साल के जर्जर इमारतों के आंकड़ो के मुताबिक, करीब 14 हज़ार से ज्यादा इमारते ऐसी थीं जो धोखा दायक थी. म्हाडा का दावा है कि इस साल सिर्फ एक साल में 9 हज़ार जर्जर इमारतों को मरम्मत करके ठीक किया गया है, जो अब जर्जर की श्रेणी से जीरो है, तो क्या मुंबई में इस मानसून में कोई इमारत नहीं गिरेगी.
मुंबई में मानसून के शुरू होते ही मकानों के गिरने की घटनाएं शुरू हो गई हैं. मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड, म्हाडा के मुताबिक मुंबई में अब तक के सर्वे में जीरो धोखा दायक इमारते हैं.
सबको कराया गया दुरुस्त
हम आपको बता दें कि पिछले साल तक मुंबई में करीब 14 हज़ार से ज्यादा धोखा दायक इमारतें म्हाडा की लिस्ट में थी, जिसमें अभी तक के सर्वे में 9 हज़ार के करीब इमारते जीरो धोका दायक हो चुकी हैं. 14 हज़ार में से 9 हज़ार को सिर्फ एक साल में दुरुस्त करा दिया गया है.
बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड, म्हाडा के चेयरमैन विनोद घोसालकर के मुताबिक, हमारे विभाग ने पूरे साल बड़ी मेहनत करके इन 9000 इमारतों को खतरनाक इमारतों की श्रेणी से निकाल कर उन्हें रिपेयर करके जीरो डेंजर बिल्डिंग की श्रेणी में लाया है और हमें उम्मीद है कि इसका पूरा फायदा हमें मानसून में मिलेगा. जब मुंबई की मानसून में हादसे बढ़ जाते हैं.
कशालकर के मुताबिक, अभी 5000 से ज्यादा ऐसी इमारतें हैं जो अभी भी खतरनाक इमारतों की श्रेणी में हैं, जिनको ठीक कराने का काम और उसमें रहने वाले लोगों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है.