नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने मणिपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति आदित्य प्रसाद पांडेय पर लगे प्रशासनिक लापरवाही और धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिग समिति का पुनर्गठन किया है. मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश में बताया गया कि पांडेय के खिलाफ आरोपों की जांच के लिये केंद्र ने 12 जुलाई को एक फैक्ट फाइंडिग समिति गठित की.

मुख्यमंत्री ने समिति के पुनर्गठन का किया स्वागत 

समिति में यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे. हालांकि, आंदोलनकारियों ने समिति के साथ सहयोग करने से मना कर दिया और इस कदम को ‘उनके लोकतांत्रिक आंदोलन को कमजोर’ करने की चाल करार दिया. मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने समिति के पुनर्गठन का स्वागत किया और छात्रों और शिक्षकों से अपना आंदोलन वापस लेने की अपील की.

सिंह ने मणिपुर यूनिवर्सिटी छात्र संघ (एमयूएसयू), मणिपुर यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (एमयूटीए) और नागरिक समाज के संबंधित लोगों से सरकार की जांच में सहयोग करने और छात्रों के व्यापक हित में यूनिवर्सिटी का कामकाज चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा, 'अब मणिपुर यूनिवर्सिटी के छात्र और शिक्षक समुदाय की मांगें पूरी हो गई हैं. मुख्य न्यायाधीश समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं. मैं उनसे आंदोलन वापस लेने की अपील करूंगा.'

समिति सौंपेगी एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट 

समिति की अध्यक्षता मेघालय उच्च न्यायालय के पूर्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी नंदकुमार सिंह, यूजीसी के संयुक्त सचिव जे के त्रिपाठी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव सूरत सिंह इसके सदस्य हैं. फैक्ट फाइंडिग समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.