नई दिल्ली: रिजर्व बैंक को नया डिप्टी गवर्नर मिल गया है. केंद्र सरकार ने माइकल देवव्रत पात्रा के नाम पर मुहर लगाई है. रिजर्व बैंक के नये डिप्टी गवर्नर के संबंध में कार्मिक मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है. कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, देवव्रत पात्रा अपने पद पर तीन साल तक बने रहेंगे.


कौन हैं माइकल देवव्रत पात्रा ?


माइकल देवव्रत पात्रा रिजर्व बैंक के चौथे डिप्टी गवर्नर होंगे. पात्रा अभी तक कार्यकारी निदेशक के रूप में मौद्रिक नीति विभाग का काम देख रहे थे. पात्रा ने आईआईटी मुंबई से इकोनॉमिक्स में पीएचडी किया है. अक्टूबर, 2005 में मौद्रिक नीति विभाग में भेजे जाने से पहले पात्रा आर्थिक विश्लेषण विभाग में सलाहकार थे. पात्रा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फेलो रह चुके हैं. जहां उन्होंने वित्तीय स्थिरता को लेकर पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च किया था. समझा जाता है कि पात्रा के पास भी आचार्य की तरह ही मौद्रिक नीति विभाग रहेगा. विरल वी आचार्य के इस्तीफे के बाद से यह पद रिक्त था. उन्होंने तीन साल के कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, आचार्य ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही थी. मगर उस वक्त यही अटकलें लगाई गईं थीं कि सरकार से उनका नीतिगत मुद्दों पर मतभेद है. जिसके कारण केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी.


केंद्रीय बैंक में कितने हो सकते हैं डिप्टी गवर्नर ?


गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाले रिजर्व बैंक में अधिकतम चार डिप्टी गवर्नर हो सकते हैं. केंद्रीय बैंक के अन्य तीन डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन, बी पी कानूनगो और एम के जैन हैं. इससे पहले केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर की दौड़ में चेतन घाटे और माइकल पात्रा का नाम सबसे आगे चल रहा था. विनियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) के पास 10 उम्मीदवारों में से साक्षात्कार के बाद चयन करने का विकल्प मौजूद था. जिनमें पात्रा और घाटे के अलावा तीन अन्य अर्थशास्त्री और दो आईएएस अधिकारी भी शामिल थे. मगर लौटरी माइकल देवव्रत पात्रा के नाम पर खुली.