भारत आ रहे राफेल में 30 हज़ार फीट की ऊंचाई पर भरा गया ईंधन, देखें खास तस्वीरें
फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमानों के साथ दो फ्यूल टैंकर आ रहे हैं. इसी के माध्यम से आसमान में रिफ्यूलिंग की गई.
नई दिल्ली: पांच राफेल विमानों का पहला जत्था बुधवार को फ्रांस से अंबाला वायुसेना अड्डा पहुंच जाएगा. करीब सात हजार किलोमीटर के इस सफर के दौरान विमानों में हवा में ही ईंधन भरा गया. फ्रांस में भारत के एंबेसी के ट्विटर हैंडल से अद्भुत तस्वीरें ट्वीट की गई है.
@Indian_Embassy ने लिखा, ''30,000 फीट से कुछ शॉट्स! भारत की तरफ आते इन राफेल जेट्स में बीच हवा में ईंधन भरा जा रहा है.'' बता दें कि राफेल लड़ाकू विमानों के साथ दो फ्रांसीसी फ्यूल टैंकर आ रहे हैं. इसी के माध्यम से आसमान में ही रिफ्यूलिंग की गई.
Few shots from 30,000 feet! Mid air refuelling of #RafaleJets on their way to #India@IAF_MCC @French_Gov @FranceinIndia @MEAIndia @IndianDiplomacy @DDNewslive @ANI @DefenceMinIndia @Armee_de_lair @JawedAshraf5 pic.twitter.com/VE7lJUcZe7
— India in France (@Indian_Embassy) July 28, 2020
राफेल विमानों के पहले जत्थे को यूएई में फ्रांसीसी मिलिट्री बेस पर हॉल्ट भी किया गया. वायुसेना के पूर्व प्रवक्ता, ग्रुप कैप्टन संदीप मेहता के मुताबिक, पांचों राफेल विमानों को सीधे अंबाला लाने के लिए कम से कम आठ (08) रिफ्यूल-टैंकर्स (एयरक्राफ्ट) की जरूरत पड़ती.
भारत के पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था सोमवार को फ्रांस से रवाना हुआ था. भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं.
इन विमानों के बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचने की उम्मीद है, जब इन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे ‘गोल्डन ऐरो’ भी कहा जाता है.
पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, “10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिये फ्रांस में ही रुकेंगे. सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी.”
भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था. वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है. भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है.