Midnapore Medical College Case: पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार (14 जनवरी, 2025) को मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टरों को सर्जरी करने पर रोक लगा दी है. कथित तौर पर कॉलेज में एक्सपायर हो चुकी सलाइन चढ़ाने की वजह से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई और 3 अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है.


स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा, "एनेस्थिसियोलॉजी, ओबीएस और स्त्री रोग, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, नेत्र रोग और ईएनटी विभागों की सभी फैकल्टी को निर्देश दिया जाता है कि सभी सर्जिकल प्रक्रियाएं एमडी/एमएस डिग्री वाले संकाय/बिस्तर प्रभारी, एसआर की ओर से की जानी चाहिए. सर्जिकल प्रक्रिया पीजीटी/जेआर को खुद नहीं की जानी चाहिए."


ट्रेनी डॉक्टरों के खिलाफ होगी कार्रवाई 


प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया कि घटना की वजह पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टरों की लापरवाही थी. घटना पर सरकार की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सर्जरी करने वाले पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, इसे दंडनीय अपराध माना जाता है. ऑफिशियल नोटिफिकेशन में कहा गया है, "अगर पीजीटी खुद ओटी करते हैं तो इसे दंडनीय अपराध माना जाएगा. ऐसे मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके बारे में सभी संबंधितों को सूचित किया जा रहा है."


घटना को लेकर राजनीति भी गरम


इस घटना के बाद राजनीति भी अपने चरम पर है. विपक्षी दलों में आक्रोश फैल गया है. बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी और वाम मोर्चे ने मिदनापुर में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पद से इस्तीफा देने की मांग की है. वहीं, मृतक के परिवार के सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि उसकी मौत के लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है.


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