नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू की चर्चा के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत के साथ अमेरिका खड़ा है. वहीं चीन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे नेता और नागरिक साफ तौर पर देखते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की लोकतंत्र, कानून के शासन और पारदर्शिता से कोई दोस्ती नहीं है. न सिर्फ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की चुनौती के मद्देनजर बल्कि हम संपूर्ण सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए संबंधों को मजबूती प्रदान कर रहे हैं.


गलवान में शहीद हुए जवानों का भी किया जिक्र


माइक पोम्पियो ने गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए बलिदान देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए हम नेशनल वॉर मेमोरियल गए. इसमें गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद हुए 20 जवान भी शामिल हैं. अमेरिका, भारत के साथ खड़ा होगा क्योंकि वह अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता के लिए खतरों का सामना कर रहा है.”


अमेरिका के रक्षा मंत्री ने भी चीन पर साधा निशाना


वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि दुनिया एक ग्लोबल महामारी से जूझ रही है और ऐसे में सुरक्षा को लेकर चुनौतियां बढ़ रही हैं. विश्व की सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साझा मूल्यों और साझा हितों के आधार पर हम सभी के लिए एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. विशेष रूप से चीन द्वारा बढ़ती आक्रामकता और अस्थिर करने वाली गतिविधियों को लेकर दोनों देश साथ हैं.


अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद रहे.


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