महाराष्ट्र: मिलिंद देवड़ा की मांग, कांग्रेस-एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दें राज्यपाल
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. 11 नवंबर को शाम 8:00 बजे तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राज्यपाल के सामने बहुमत के आंकड़े के सबूत पेश करने होंगे.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राज्यपाल ने बीजेपी ने बहुमत साबित करने के लिए सोमवार रात आठ बजे तक का वक्त दिया है. इसी महाराष्ट्र की सियायत में हलचल तेज हो गई है. सरकार बनाने को लेकर चल रही उठा पटक के बीच कांग्रेस का बड़ा बयान आया है.
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि राज्यपाल को दूसरे सबसे बड़े गठबंधन को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देना चाहिए. मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, ''बीजेपी शिवसेना सरकार नहीं बनाती तो महाराष्ट्र के राज्यपाल को दूसरे सबसे बड़े गठबंधन एनसीपी-कांग्रेस को आमंत्रित करना चाहिए.''
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महाराष्ट्र के होटल में ठहरे शिवसेना विधायक, उद्धव ठाकरे से होगी मुलाकात महाराष्ट्र में सरकार पर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना ने अपने विधायकों को मलाड के होटल द रिट्रीट में रखा है. आदित्य ठाकरे आज दोपहर 12.30 बजे अपने विधायकों से मिलेंगे. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहेंगे.
शिवसेना ने बीजेपी की तुलना हिटलर से की शिवसेना ने सामना के लेख में भाजपा की तुलना हिटलर से कर दी है. शिवसेना ने कहा कि पांच साल औरों को डर दिखाकर शासन करनेवाली टोली आज खुद खौफजदा है. यह उल्टा हमला हुआ है. डराकर भी मार्ग नहीं मिला और समर्थन नहीं मिलता है, ऐसा जब होता है तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है. पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए. इस परिणाम का यही अर्थ है.
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महाराष्ट्र में कहां फंसा है पेंच? बता दें कि 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जबकि उसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही शिवसेना 56 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. एनसीपी 54 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर तीसरे नंबर पर रही थी और 44 विधानसभा सीटें जीतकर कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी.
शिवसेना ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ तय हुए 50-50 के फार्मूले के आधार पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का दावा ठोक दिया था. शिवसेना का मुख्यमंत्री पहले ढाई साल के लिए बने, इस जिद पर शिवसेना अड़ गई थी. हालांकि बीजेपी नेताओं ने यह साफ कर दिया था कि 50-50 का जो फार्मूला तय हुआ था उससे मुख्यमंत्री का पद बाहर था.
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