Cheetah Helicopter: मिलिट्री हेलिकॉप्टर 'चीता' की खासियत जानें यहां, जो हुआ अरुणाचल प्रदेश में क्रैश
Cheetah Helicopter Special Features: चीता हेलीकॉप्टर का हल्का वजन ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. सियाचिन जैसे ऊंचे और मुश्किल इलाकों में भी यह आसानी से उड़ान भर लेता है.
Cheetah Helicopter Crashed: अरुणाचल प्रदेश में गुरुवार (16 मार्च) को इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. ये हादसा बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास हुआ है. सेना घटना के बाद यहां पायलट की तलाश के लिए राहत-बचाव अभियान चला रही है. गुवाहाटी में डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया, "हादसा आज सुबह लगभग 09:15 बजे हुआ." उन्होंने कहा, "इस हेलीकॉप्टर ने अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास ऑपरेशनल उड़ान भरी और इसके कुछ देर बाद ही इसका एटीसी से संपर्क टूट गया. बाद में इसके बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई." हादसे के शिकार हुए सेना के इस हेलीकॉप्टर के बारे में यहां सबकुछ जानें.
चीता हेलीकॉप्टर की खासियत
चीता हेलीकॉप्टर को फ्रांस की कंपनी एरोस्पेटियैल के साथ HAL ने मिलकर बनाया है. ये भारतीय सेना में इसे 1976-77 में शामिल किया गया था. पांच सीटों वाले इस हेलीकॉप्टर में सिर्फ एक इंजन है. हालांकि इसके बाद भी यह हेलीकॉप्टर बेहद ऊंचाई पर उड़ान भरने में विश्व रिकॉर्ड बना चुका है. 21 जून 1972 को इसने 12,442 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था.
कारगिल युद्ध में निभाया अहम रोल
चीता हेलीकॉप्टर का हल्का वजन ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. इसकी वजह से ही यह हेलीकॉप्टर सियाचिन जैसे ऊंचे और मुश्किल इलाकों में भी आसानी से उड़ान भर लेता है. सियाचिन में सामान पहुंचाना हो या मुश्किल में फंसे आर्मी के जवानों और लोगों को सुरक्षित निकालना हो, चीता ने सब करके दिखाया है. कारगिल युद्ध में इस हेलीकॉप्टर ने ही भारतीय जवानों को सुरक्षित पहाड़ों पर उतारा था. जिसकी वजह से हम वह युद्ध जीत सके थे.
क्यों होते हैं इतने ज्यादा हादसे?
चीता एक इंजन वाला हेलीकॉप्टर है, जिसमें मूविंग मैप डिस्प्ले, ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम और वेदर रडार जैसी प्रमुख विशेषताएं नहीं हैं. इसमें ऑटोपायलट सिस्टम भी नहीं है, जो खराब मौसम में पायलट को भटका सकता है. सेना के पास 200 चीता हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है. पिछले साल भी 5 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश में एक चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस दुर्घटना में ले. कर्नल सौरभ यादव शहीद हो गए थे. इस हादसे में सेना के एक और मेजर घायल हुए थे. मार्च 2022 में जम्मू-कश्मीर में LoC के पास सेना का एक और हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें भी पायलट के शहीद होने की खबर आई थी.