नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच चल रही तनातनी के बीच पिछले 48 घंटों में दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स के बीच बॉर्डर पर मीटिंग हुई. हालांकि दोनों ही मीटिंग बेनतीजा रही. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच और मीटिंग हो सकती हैं.


जानकारी के मुताबिक, मंगलवार और बुधवार को दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स के बीच हुई मीटिंग लद्दाख के डीबीओ और चुशुल सेक्टर में हुई. डीबीओ यानि दौलत बेग ओल्डी में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच चल रहे फेसऑफ के चलते हुई. जबकि चुशुल में पैंगोंग लेक के करीब फिंगर एरिया में चल रही तनातनी की वजह से हुई.


आपको बता दें कि अक्साई चीन के करीब गलवान घाटी में चीनी सेना ने कम से कम 80 टेंट गाड़ लिए हैं. इ‌सके बाद से भारतीय सेना ने भी इस क्षेत्र में अपनी तैनाती मजबूत कर ली है. चीनी सेना इस बात से खफा है कि भारत सीमावर्ती इलाकों में सड़क और दूसरी मूलभूत सुविधाएं तैयार कर रहा है. जबकि चीन ने अपने इलाकों में पहले ही हाईवे और सड़कों का जाल बिछा रखा है. लेकिन चीन अब भारत को ऐसा करने से रोक रहा है. सूत्रों के मुताबिक, भारत सड़क और दूसरी मूलभूत सुविधाएं अपने अधिकार-क्षेत्र में तैयार कर रहा है, इस पर चीन को एतराज नहीं करना चाहिए.


चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना ने अक्साई-चिन से सटे गलवान-घाटी में 'डिफेंस-फैसेलिटी' बना ली है जो 'गैर-कानूनी' है और चीन की सीमा के अंदर है. लेकिन भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि सरहद को अपने अपने नजरिए को देखने के कारण चीन ये आरोप लगा रहा है.


वहीं इसी महीने की 5 तारीख की रात को लद्दाख के पेंगोंग-सो लेक (झील) के करीब फिंगर-एरिया में भी दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ गए थे. इस भिड़ंत में दोनों देशों के बड़ी तादाद में सैनिक घायल हुए थे. हालांकि बाद में स्थानीय कमांडर्स ने मामला सुलझा लिया था. लेकिन उसके बाद से ही इस क्षेत्र में दोनों तरफ के बड़ी तादाद में सैनिक तैनात हो गए हैं. ताज़ा विवाद माना जा रहा है भारत के सड़क बनाने को लेकर शुरू हुआ है. भारत इस सड़क को फिंगर एरिया तक पहुंचने के लिए बना रहा है. लेकिन चीन को इस पर भी आपत्ति है.


लद्दाख में गलवान घाटी और फिंगर एरिया में विवाद के बाद जानकारी मिल रही है कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग लेक में अपनी बोट-पैट्रोलिंग बढ़ा दी है. खबर ये भी है कि चीनी सेना ने अपनी बोट्स की तादाद भी यहां बढ़ा दी है. भारतीय सेना ने फिलहाल पूरे मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.


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