Indian Army Military Exercise In Arunachal: चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारतीय सेना ने पूर्वी थियेटर में एक हाई-वोल्टेज मिलिट्री एक्सरसाइज में बड़ी तोपों का इस्तेमाल किया है. सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों में सेना ने बुधवार (3 मई) को बुलंद भारत नाम से एक मिलिट्री एक्सरसाइज की. इसमें सेना ने 155 मिमी बोफोर्स होवित्जर, 105 मिमी फील्ड गन और 120 मिमी मोर्टार की गरज सुनाई दी.
जून, 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के भारत में घुसपैठ की कोशिश के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ा है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच 3488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत ने भारी संख्या में सेना को तैनात किया है. इसमें तोपखाने की बड़ी रेंज भी शामिल है.
भारत ने जिन तोपों को पूर्वी इलाके में तैनात किया है, इनमें पुरानी 105 एमएम फील्ड गन और बोफोर्स, अबगन धनुष और सारंग, पिना और स्मर्च मल्टी लॉन्च रॉकेट सिस्टम, नए एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर शामिल हैं.
पिछले साल दिसम्बर में तवांग में हुई थी झड़प
लद्दाख के बाद चीन ने अब सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश सीमा पर भी अपनी हरकतें तेज की हैं. पिछले साल 9 दिसम्बर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से में चीन के सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की झड़प हो गई थी. इसी इलाके में भारतीय सेना और वायु सेना युद्ध की तैयारियों का परीक्षण करने के लिए 'बुलंद भारत' अभ्यास कर रही है.
सूत्रों ने कहा कि बुलंद भारत अभ्यास में विशेष बलों, हवाई बल और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के साथ कोऑपरेशन में तोपखाने और पैदल सेना की निगरानी और मारक क्षमता का "तालमेलपूर्ण प्रयोग" शामिल था. सूत्र के मुताबिक इसके पहले सैनिकों ने अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों और चरम मौसम की स्थिति में एक महीने का प्रक्षिशण किया था. पिछले
भारत ने बढ़ाई ताकत
रणनीतिक रूप से कमजोर सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर विशेष ध्यान देने के साथ भारत ने इस क्षेत्र में आक्रामक और साथ ही रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत किया है. अरुणाचल में पहाड़ों पर युद्ध के लिए भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल को तैनात किया है. इससे भारत शीर्ष हमले की क्षमता बढ़ी है.
इसके अलावा हासीमारा, चबुआ और तेजपुर में राफेल और सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों की तैनाती की है तो रूसी मूल की S-400 ट्रायम्फ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी तैनात की है, जो क्षेत्र में 380 किमी की सीमा में दुश्मन के लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों और मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें रोक सकती है.
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