Military Exercise: श्रीनगर में भारतीय सेना का 'हेली-बॉर्न एक्सरसाइज', थलसेना के पैरा-एसएफ और नौसेना के मारकोज कमांडोज हुए शामिल
Military Exercise: इस एक्सरसाइज के ट्रांसपोर्ट के लिए थलसेना और भारतीय वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर सहित कई चॉपर्स का इस्तेमाल किया गया.
Military Exercise: 'बिहाइंद द एनेमी लाइंस' यानि बॉर्डर के पार दुश्मन की सीमा में बर्फ से ढके इलाकों में स्पेशल फोर्स के कमांडोज़ कैसे ऑपरेशन करते हैं, इसे लेकर भारतीय सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने गुलमर्ग की बर्फीली वादियों में हेली-बॉर्न एक्सरसाइज की. खास बात ये है कि कश्मीर के उंचाई वाले इलाकों में की गई ये पहली ट्राइ-सर्विस एक्सरसाइज थी, जिसनें थलसेना के पैरा-एसएफ और नौसेना के मारकोज कमांडोज ने हिस्सा लिया. युद्धभ्यास के लिए वायुसेना के अटैक हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया.
श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल इमरोन मौसवी के मुताबिक, इस हेलीबॉर्न एक्सरसाइज का मकसद एयर-डिफेंस और इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर वातावरण में सेना के तीनों अंग यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त क्षमताओं को एक टास्क फोर्स के जरिए बिहाइंद द एनेमी लाइंस आजमाना था. इसके लिए ही चिनार कोर ने कश्मीर घाटी के उंचाई वाले इलाकों में इस युद्धभ्यास को अंजाम दिया.
9000 फीट की उंचाई पर किया गया अभ्यास
चिनार कोर (15वीं कोर) के मुताबिक हेलीबॉर्न एक्सरसाइज को 9000 फीट की उंचाई पर बर्फीले इलाकों में किया गया. इसके लिए थलसेना के इंफेंट्री सैनिक, पैरा-एसएफ कमांडोज़ और नौसेना के मारकोज़ यानि मरीन कमांडोज ने युद्धभ्यास में हिस्सा लिया. हेलीकॉप्टर के जरिए कमांडोज को एक बर्फीली इलाके में ड्रॉप किया गया. इस एक्सरसाइज के ट्रांसपोर्ट के लिए थलसेना और भारतीय वायुसेना के अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर सहित कई चॉपर्स का इस्तेमाल किया गया. जानकारी के मुताबिक, एक्सरसाइज के दौरान इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर यानि अगर दुश्मन हेलीकॉप्टर्स इत्यादि की फ्रीकवंसी जाम इत्यादि करने की कोशिश करता है तो कैसे ऑपरेशन करना है उसको भी 'वेलिडेट' किया गया.
भारतीय सेना की सफलताओं को आजमाया गया
लेफ्टिनेंट कर्नल इमरोन मौसवी के मुताबिक, इस एक्सरसाइज के जरिए हाई ऑल्टिट्यूड इलाकों में मार्डन बैटलफील्ड में वायुसेना और नौसेना की 'सिनेर्जी' के साथ चिनार कोर और भारतीय सेना की क्षमताओं को सफलतापूर्वक अजमाया गया. आपको बता दें कि सेना के तीनों अंगों के स्पेशल फोर्सेज़ की इस एक्सरसाइज़ को छाछरो दिवस की स्वर्ण जयंती दिवस के दिन ही किया गया. 1971 के युद्ध के दौरान 7 दिसम्बर को भारतीय सेना की 10 पैरा यूनिट ने ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह के नेतृत्व में पाकिस्तान के सिंध इलाके में छाछरो शहर में सर्जिकल स्ट्राइक कर कब्जा कर लिया था. बिहाइंद द एनेमी लाइंस की तर्ज पर हुए इस हमले ने पाकिस्तान को भौचक्का कर दिया था.
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