Pakistan Nuclear Policy: पाकिस्तान हमेशा से ही अपने परमाणु हथियारों को लेकर काफी सक्रिय रहा है. साल 1998 में पाकिस्तान ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट करके दुनिया को चौंका दिया था. पाकिस्तान ने तब से लेकर अब तक 170 परमाणु बम बना लिए हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत ने साल 2023 में पाकिस्तान को परमाणु बमों की संख्या के मामले में पीछे छोड़ दिया है.
दरअसल, स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी सिपरी (SIPRI) की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास 172 और पाकिस्तान के पास 170 न्यूक्लियर वॉरहेड हैं. हालांकि, सैन्य एक्सपर्ट पाकिस्तानी एटम बम को लेकर काफी खतरा मान रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी परमाणु ठिकाने पर कब्जा करके भारत पर हमले की साजिश रच सकते हैं.
परमाणु हथियारों को लेकर सैन्य एक्सपर्ट ने दी सलाह
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए भारतीय सेना के पूर्व कर्नल और एक्सपर्ट विनायक भट्ट ने एक्स पर पोस्ट करके पाकिस्तानी परमाणु हथियारों को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं. कर्नल भट्ट का कहना है कि पाकिस्तान की न्यूक्लियर पॉलिसी हमेशा से ही परमाणु बमों के पहले इस्तेमाल की रही है. जबकि, भारत नो फर्स्ट यूज की नीति में भरोसा करता है.
पाकिस्तान की नहीं हैं कोई नो फर्स्ट यूज पॉलिसी
पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने खुलकर दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान की कोई नो फर्स्ट यूज पॉलिसी नहीं है. हालांकि, पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक, सैन्य अधिकारी हमेशा से ही गीदड़ धमकियां देते रहें कि अगर, भारत ने पीओके में घुसने की हिमाकत की तो पाकिस्तान पहले परमाणु बमों का प्रयोग करेगा.
बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस को मजबूत करे भारत- सैन्य विशेषज्ञ
वहीं, इस मामले पर पूर्व कर्नल और एक्सपर्ट विनायक भट्ट का कहना है कि नए साइलो और हाई अलर्ट बंकर के रणनीतिक असर को भारतीय रणनीतिकार खारिज नहीं कर सकते हैं. उन्होंने भारत सरकार को सलाह दी कि वह किसी कंपटीशन की दौड़ में पड़ने के बजाय आवश्यक फैसले लें. उनका मानना है कि भारत सरकार अपने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस को मजबूत करे. जिससे भारत का सिक्योरिटी फोर्सेज सुरक्षित रह सकें.
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