सेना की नर्स, ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती को मिला 'राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार'
ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाली हैं और उन्हें 28 दिसंबर 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) में कमीशन दिया गया था.
करीब तीन हजार लोगों की जीवन-रक्षा करने वाली सेना की नर्स, ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती को 'राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है. सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ब्रिगेडियर सरस्वती को एक वर्चुअल कार्यक्रम में ये पुरस्कार प्रदान किया.
ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात हैं. राष्ट्रपति ने नर्स प्रशासक के रूप में ब्रिगेडियर सरस्वती को सैन्य नर्सिंग सेवा में अपार योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया. राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार एक सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसे एक नर्स को निस्वार्थ समर्पण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है.
ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाली हैं और उन्हें 28 दिसंबर 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) में कमीशन दिया गया था. एक प्रसिद्ध ऑपरेशन थिएटर नर्स के रूप में उन्होंने 3000 से अधिक जीवन रक्षक और आपातकालीन सर्जरी में सहायता की है.
ब्रिगेडियर एस वी सरस्वती भारतीय सेना के विभिन्न अस्पतालों सहित अफ्रीका के कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेनाओं में अपनी सेवाएं दी चुकी हैं. नर्सिंग पेशे में सराहनीय और विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ प्रशस्ति पत्र (2005), संयुक्त राष्ट्र मेडल (2007) और सेनाध्यक्ष प्रशस्ति पत्र (2015) से सम्मानित किया जा चुका है.
अपने सेवाकाल में ब्रिगेडियर सरस्वती ने रेजिडेंट्स, ऑपरेशन रूम नर्सिंग प्रशिक्षुओं और सहायक स्टाफ को प्रशिक्षित भी किया है. उन्होनें कार्डियक सर्जरी के लिए रोगी शिक्षण सामग्री और तात्कालिक ड्रैप किट और घाव सीने के लिए धागा तैयार किया है.
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