नई दिल्ली: डोकलाम को लेकर भारत से तनातनी के बीच चीन की सेना ने युद्ध का अभ्यास किया है. ये अभ्यास चीन की सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने किया है. ये चीन की सेना की सबसे बड़ी कमांड मानी जाती है. वहीं, भारतीय सेना भी इस बीच लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है. सेना की तरफ से टी-90 टैंक में तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली लगाने की तैयारी की जा रही है.

नेपाल पर चीन की नई चाल, कहा- ‘हमसे संपर्क बढ़ाने पर मिलेगी कूटनीतिक आज़ादी’

चीन ने युद्धाभ्यास में किया टैंक और मिसाइलों का इस्तेमाल

ये युद्धाभ्यास चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड की तरफ से किया गया है. बड़ी बात यह है कि भारतीय सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा की जिम्मेदारी चीन की सेना के इसी कमांड के पास होती है. जो वीडियो सामने आया है उसमें युद्ध अभ्यास में टैंक और मिसाइल का इस्तेमाल होता दिख रहा है. हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि चीन की सेना ने ये युद्ध अभ्यास चीन के किस इलाके में किया है.

भारत को बार-बार युद्ध की धमकी देता है चीन

बता दें कि डोकलाम विवाद पर चीन बार-बार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है. हाल ही में चीन ने कहा था, ‘’अगर भारत ने डोकलाम से अपनी सेना नहीं हटाई तो वह गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.'' चीन ने कहा, ''हमारे हथियार और सेना भारत के मुकाबले काफी बेहतर है. भले ही भारत ने पिछले दिनों यूएस और रूस से कई तरह के हथियार खरीदे हों, लेकिन चीन के हथियारों के तुलना में वे काफी हल्के हैं.’’



लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है भारतीय सेना

वहीं, चीन से तनातनी के बीच भारत की सेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है. टी-90 टैंक में तीसरी पीढ़ी की मिसाइल प्रणाली लगाने की तैयारी की जा रही है. सेना के सूत्रों के मुताबिक, टी-90 टैंक में पहले से ही मिसाइल दागने की क्षमता थी, लेकिन अब इसे अपग्रेड किया जा रहा है.

भारत के पास करीब दो हजार टी-90 टैंक



दूसरी पीढ़ी की मिसाइल सिर्फ स्टैटिक-टारगेट को ही निशाना बना सकती थी. अगर टारगेट अपनी जगह से हिल जाता था मिसाइल दागने के बाद तो मिसाइल का वार खाली जाने की आंशका रहती थी. अब नए सिस्टम के इस टैंक में लगने के बाद मूविंग टारगेट यानि चलते हुए दुश्मन के टैंक पर भी टी-90 टैंक निशाना लगाने में सक्षम हो जाएंगे. इस वक्त भारत के पास करीब दो हजार टी-90 टैंक हैं.

हाल ही में सेना की डिजाइन ब्यूरो विंग ने इन टैंकों को अपग्रेड करने की सिफारिश की थी. उसके बाद ही ये फैसला लिया गया कि इन टैंकों में थर्ड जैनरेशन मिसाइल लगाई जाये. ये मिसाइल 08 किलोमीटर तक का टारगेट लगा सकती है.

क्या है पूरा विवाद?

दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.

इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.