नई दिल्लीः दिल्ली में दूध और दूध से बने खाद्य सामग्री सुरक्षित नहीं हैं. राज्य खाद्य विभाग के टेस्ट के बाद ये रिपोर्ट सामने आई है. जनवरी 2018 से अप्रैल 2019 के बीच दिल्ली के खाद्य सुरक्षा विभाग ने 2880 नमूनों को जमा किया था जिसमें से 477 नमूने परीक्षण में खरे नहीं उतरे.


राज्य सरकार के डाटा के मुताबिक जांच के दौरान दूध और दूध से बने 161 नमूने पूरी तरह से फेल रहे. वहीं 21 मिसब्रैंडेड रहे. 125 नमूने मानक पूरा नहीं कर पाए जबकि अन्य 15 पूरी तरह से असुरक्षित थे.


एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य तौर पर दूध में चीनी या ग्लूकोज जैसे खाद्य सामग्री मिला दिए जाते हैं जो खाने में हानिकारक तो नहीं होते हैं लेकिन टेस्ट के दौरान पता चल जाता है कि कुछ मिलावट तो की गई है. हालांकि कुछ लोग दूध में सोडा और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे रसायन मिला देते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं.


अधिकारी ने बताया कि अगर जानवर के खाने पीने का ध्यान नहीं रखा जाए और फिर उसका दूध निकाला जाए और टेस्ट के लिए भेजा जाए तो उसमें भी केमिकल का असर दिखता है. यह तय करने के लिए कि आपका दूध सुरक्षित है इसके लिए पैकेट पर लिखे डेट को जरूर देखें.


कानून के हिसाब से ऐसे खाद्य पदार्थ जिसकी क्वालिटी खराब है, लेकिन जिससे किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं हुआ है तो ऐसे केस में छह महीने तक की जेल और एक लाख रुपए तक का हर्जाना लग सकता है. लेकिन अगर खाद्य पदार्थ से व्यक्ति को कोई नुकसान हुआ है तो सजा छह साल तक की जेल और 5 लाख रुपए तक का हर्जाना हो सकता है. मौत होने की स्थिति में सात साल से कम की सजा नहीं होगी और 10 लाख से अधिक फाइन होगा.


दिल्ली हाईकोर्ट का केजरीवाल सरकार को आदेश, तेज सुनवाई के लिए राज्य में बनाएं 18 फास्ट ट्रैक कोर्ट