क्या कोरोना हमारे बीच में से कभी नहीं जाएगा? आखिर कब खत्म होगा संक्रमण का खतरा
देश में रोजाना लाखों लोग कोरोना की वैक्सीन लगवा रहे हैं. बावजूद इसके खतरा बना हुआ है क्योंकि वैक्सीन, संक्रमण से बचाव की गारंटी नहीं देता. इसलिए जरूरी है कि सावधान रहने की.
नई दिल्ली: कोरोना से मुक्ति पाने के लिए देश में अभी और तेजी से वैक्सीनेशन अभियान चलाने की जरूरत है. लेकिन सवाल ये है कि क्या वैक्सीन लगने भर से ये महामारी इंसान का पीछा छोड़ देगी या ये महामारी कभी खत्म ही नहीं होगी. ठीक वैसे ही जैसे पोलियो, टीबी जैसी बीमारियां आज भी देश में हैं. अगर ऐसा होता है तो फिर खतरा कितना बड़ा है, यहां समझ लेते हैं.
जब बीमारी एक छोटे इलाके में फैलती है तो उसे आउटब्रेक कहते हैं .ये स्टेज कैसे एपिडेमिक, पेनडेमिक और एंडेमिक में बदलती है. जानकारों के मुताबिक जब कोई बीमारी 6 अलग-अलग स्तर से गुजरती है तब जाकर वो पेनडेमिक यानि वैश्विक महामारी में बदलती है. पांचवें स्तर में चेतावनी जारी की जाती है. लेकिन अब माना जा रहा है कि कोरोना इन 6 स्तरों से भी आगे बढ़ सकती है या बढ़ने की राह पर है और उस स्तर का नाम है- एंडेमिक.
सफदरजंग कम्युनिटी मेडिसिन के अध्यक्ष प्रो जुगल किशोर ने कहा, "एपिडेमिक एक एरिया में हाई नंबर ऑफ केस हो जाएं तो एपिडेमिक बोलते हैं. पेनडेमिक हम तब कहते हैं जब एपिडेमिक दूसरे देशों में फैल जाए तो उसे पेन बोलते हैं बड़ा. पेनडेमिक बोलते हैं. जैसे स्वाइन फ्लू जब एक साथ कई देशों में होती है तो वो पेनडेमिक हो जाती हैं. एंडेमिक फिर से लोकल है. जैसी टीबी हमारे देश में होती रहती है. इंफेक्शन कुछ कुछ लोगों को होता रहेगा और छोटा आउटब्रेक होता रहेगा तो उसे एंडेमिक कहेंगे."
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा है कि भारत में कोरोना, एंडेमिक की तरफ बढ रहा है और साधारण शब्दों में कहें तो कोई भी वायरस जब एंडेमिक स्टेज में आता है तो वो इंसानी आबादी के साथ रहना सीख जाता है. मतलब वायरस से लोगों की जान को खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है.
तीसरी लहर की आशंका भी कम!
जेएनयू के डेटा साइंटिस्ट प्रो शानदार अहमद ने कहा, जैसे एक बिल्डिंग या जंगल है उसमें आग लगी हुई है. तो अगर वो अनकंट्रोल है तो वो कहीं भी फैल सकती है. वो अन कंट्रोल पेनडेमिक की स्टेज है. जो चीजें जल सकती थी वो जल चुकी हैं. उसके बाद छोटी छोटी आग है तो उसके आगे वो चीजें नहीं है जिससे वो आगे आग पहुंचा सके तो वो एक तरह की आग लोकलाइज हो जाती है. जो चीजें जल चुकी हैं, इस तरह से पेनडेमिक एंडेमिक बनता है.
जानकारों का आंकलन, अगर सटीक निकला तो मानकर चलिए कि कोरोना, बेकाबू नहीं होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय का भी दावा है कि देश में अभी बीमारी कि दूसरी लहर ही चल रही है और ऐसा माना जा रहा है कि निकट भविष्य में तीसरी लहर की आशंका भी बेहद कम है.
सफदरजंग कम्युनिटी मेडिसिन के अध्यक्ष प्रो जुगल किशोर ने कहा, अभी तीसरी लहर का कोई अंदेशा लग नहीं रहा है. माइनर इशू रहेंगे, माइनर वेव रहेगी. बड़ी नहीं रहेगी. हमारी जनसंख्या में पहली वेव में पचास प्रसेंट इंफेक्टशन हो गया था. दूसरे में पचास प्रसेंट में तेज इंफेक्शन हुआ. तेजी से किया. मैं ये मान कर चलता हूं 80 प्रसेंट जनसंख्या को इंफ्केशन हो चुका है. इन्हें दोबारा नहीं होना है. जिसे एक बार इंफेक्शन हुआ है उस दोबारा होने के चांस कम हैं. अगर होगा तो उसमें मोटाएलिटी कम है. जो पंद्रह फीसदी है उन्हें वैक्सीन लग रहा है. वो एक और लहर लेकर आएगा ऐसा अनुमान नहीं लगता.
अभी दुनिया महामारी की स्थिति में है. ऐसे में ये कहना कि भारत में कोरोना एंडेमिक स्टेज में है जल्दबाजी होगी. जब तक विश्व महामारी के दौर में हैं सभी देशों को इससे खतरा है. जब WHO दुनिया से इस महामारी के खत्म होने का ऐलान करेगा तभी हमें ये मानना चाहिए कि ये बीमारी एंडेमिक स्टेज में है.
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