Exclusive: किसान को केंद्र में रखकर महाराष्ट्र में बनाया जा रहा है न्यूनतम साझा कार्यक्रम
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर यानी कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं. उसमें किसान को केंद्र में रखा गया है.
नई दिल्ली: शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने में जुटी हुई है. इसके लिए बाकायदा कमेटियों का भी ऐलान कर दिया गया. किसान कर्ज माफी का मुद्दा प्रमुख रूप से उभरा है. शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस इस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर यानी कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं. उसमें किसान को केंद्र में रखा गया है. यानि न्यूनतम साझा कार्यक्रम को तैयार करने के लिए किसान, उसका कर्ज, उसकी आर्थिक हालत और उसकी जरूरतों को केंद्र में रखा जा रहा है.
किसान का कर्ज माफ - सूत्रों के मुताबिक किसान का कर्जा माफी 7/12 के मुताबिक होगा. यानी किसानों की कर्ज माफी के साथ ही गिरवी रखी गई जमीन के कागज और रजिस्ट्री भी किसानों को वापस लौटाई जाएगी. इससे पहले जब भी किसानों की कर्ज माफी हुई है तो गिरवी रखी गए कागज किसानों को नहीं लौटाये गए.
किसान के खेत तक पानी - दूसरा जो प्रमुख मुद्दा है वह है किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने की नीति इस पर शिवसेना पहले से ही काम कर रही थी और अब इस को न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल कर कर राज्य इसके लिए एक नीति बनाएगा ताकि किसानों को उसके खेत तक पानी पहुंचा दिया जाए.
किसान को साहूकारों से मुक्ति- तीसरा मुद्दा है किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाना. इसके लिए बैंक और नाबार्ड के जरिए सस्ता ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा. सस्ते ऋण की व्यवस्था के लिए एक नीति सरकार बनाएगी. किसानों को आसानी से और सस्ता कर्ज कॉपरेटिव बैंक को और नाबार्ड से मिल सके. इस मुद्दे को प्रमुखता से न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है.
चौबीस घंटे बिजली- चौथा मुद्दा है 24 घंटे बिजली आपूर्ति. न्यूनतम साझा कार्यक्रम में राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति को शामिल किया जा रहा है. इसके लिए शहरी या देहात दोनों इलाकों के बीच कोई भी भेदभाव नहीं रखा गया है. शहर और गांव दोनों जगह 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी.
रोजगार - पांचवा मुद्दा, जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है वो है रोजगार. सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए नीति लाएगी और हर साल निश्चित संख्या में युवाओं को रोजगार मिले ये सुनिश्चित करेगी. प्रतिवर्ष नए रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य, कमिटी से बातचीत के बाद तय होगा.
विकास के प्रोजेक्ट- छठा मुद्दा है धीमे पड़े विकास के प्रोजेक्ट के काम में तेजी लाना ताकि, राज्य के विकास में तेजी आए यह भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा होगा.