Daily Worker: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली के अकुशल, अर्ध कुशल और अन्य श्रमिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है. साथ ही उपमुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को बढ़ी हुई दर के साथ भुगतान सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए बढ़ती महंगाई के बीच यह बड़ा कदम उठाया गया है. इसका लाभ लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग के कर्मचारियों को भी मिलेगा.


उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को महंगाई भत्ते पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, जिन्हें सामान्यत: केवल न्यूनतम मजदूरी मिलती है. इसलिए दिल्ली सरकार ने महंगाई भत्ते जोड़कर नया न्यूनतम वेतन की घोषणा की है.


जानिए कितना वेतन किस मजदूर को


महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों के मासिक वेतन को 16064 रुपये से बढ़ाकर 16506 रुपये, अर्ध कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 17693 रुपये बढ़ाकर 18187 रुपये, कुशल श्रमिकों के मासिक वेतन को 19473 रुपये से बढ़ाकर 20019 रुपए किया गया है. इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी की दर बढ़ाई गई है. इनमें गैर मैट्रिक कर्मचारियों का मासिक वेतन 17693 से बढ़ाकर 18187 रुपये,  मैट्रिक लेकिन गैर स्नातक कर्मचारियों का मासिक वेतन 19473 से बढ़ाकर 20019 रुपये तथा स्नातक और इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता वाले मजदूरों का मासिक वेतन 21184 से बढ़ाकर 21756 रुपये कर दिया गया है.


अन्य राज्यों की तुलना में मजूरों का न्यूनतम वेतन दिल्ली में ज्यादा


उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हम सरकार के कई खर्चों में कटौती कर रहे है लेकिन मजदूर भाईयों के हित का ध्यान रखते हुए हमने उनका महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है. कोरोना के कारण आज समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप से प्रभावित हुआ है. ऊपर से दाल और तेल जैसी रोजाना के उपभोग की वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन देश के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के सभी श्रमिकों को राहत देने के लिए हर 6 महीने में लगातार महंगाई भत्ते को बढ़ाती है.


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