Anurag Thakur On Foreign Media: 'विदेशी मीडिया नहीं तय करेगा भारत की दिशा और दशा', बोले सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर
Anurag Thakur Remark Over Foreign Media: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत की रिपोर्टिंग करने वाले विदेशी मीडिया पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भारत की दिशा या दशा विदेशी मीडिया तय नहीं करेगा.
Anurag Thakur Slams Foreign Media: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार (2 अप्रैल) को महाराष्ट्र के नागपुर से विदेशी मीडिया पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया भारत की दिशा और दशा तय नहीं करेगा. वह एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में बोल रहे थे.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई विदेशी मीडिया भारत के कोर्ट से ऊपर नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली में दखलदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्री ने कहा कि कुछ विदेशी मीडिया एजेंडा और प्रोपेगेंडा के तहत भारत को बदनाम करने में शामिल है. इसी के साथ उन्होंने आह्वान किया कि देश का मीडिया विदेशी मीडिया को भारत का नैरेटिव सेट करने का मौका न दे.
'क्या 140 करोड़ के भारत में अंतरराष्ट्रीय मीडिया नैरेटिव तय कर सकता है?'
कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''...कुछ मित्र कह रहे थे कि नैरेटिव तय करने का प्रयास कुछ अंतरराष्ट्रीय स्तर का मीडिया करता है. क्या 140 करोड़ के भारत में कोई अंतरराष्ट्रीय मीडिया यहां पर नैरेटिव तय कर सकता है? अगर कोई ऐसा सोचता भी है तो शायद इस लोकतंत्र में लोगों की ताकत को समझता नहीं है.''
'मोदी जी उतने ही मजबूत होकर निकलते हैं'
उन्होंने आगे कहा, ''प्रयास किया बहुत सारे लोगों ने 2001 से लेकर 2023 तक, नरेंद्र मोदी जी सीधा जीता-जागता उदाहरण हैं, उनके मुख्यमंत्री बनने से लेकर उनके प्रधानमंत्री बनने के नौ साल पूरे होने तक भी एक बड़ा वर्ग है जो एक तरफ चलने का काम करता है लेकिन वो जितनी बार दुष्प्रचार में लगते हैं, मोदी जी उतने ही मजबूत होकर उससे बाहर निकलते हैं.''
कोरोना काल की मीडिया रिपोर्टिंग का किया जिक्र
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, ''दुनिया के बड़े-बड़े अखबारों ने लिखा, कोरोना का समय हम सबके सामने था, कइयों ने तो पुरानी तस्वीरें चलाकर अपनी दुकान भी चला ली. तैरती लाशों को या गंगा किनारे लाशों को दिखाया गया, जो सत्य से परे था लेकिन बहुत बड़े मीडिया के वर्ग ने भी उसकी सत्यता में जाने की बजाय, उसकी पुष्टि करने की बजाय, उन्होंने भी चलाया. इससे छवि किसी व्यक्ति की नहीं, इससे छवि भारत की खराब होती है. ये एजेंडा और प्रोपेंगेंडा देश के बाहर से तो चलता ही था, देश के बहुत सारे नेताओं ने भी इसमें अपने हाथ साफ करने का काम किया.''