Parliament News: संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल मुरुगन ने सोमवार (22 जुलाई) को राज्यसभा में बताया कि पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में सांसदों के जरिए 913 आश्वासन दिए गए. संसद के उच्च सदन में पूरक प्रश्नों के जवाब में मुरुगन ने कहा कि इसमें से 583 आश्वासन पूरे हो गए हैं, जबकि बाकी के 330 को लागू किया जाना बाकी है, यानी सरकार ने सिर्फ 63 फीसदी ही पूरे किए हैं. किसी प्रश्न या चर्चा के उत्तर के दौरान यदि कोई मंत्री अंडरटेकिंग देता है, जिसमें सरकार की तरफ से सदन को जानकारी देनी होती है तो उसे आश्वासन कहा जाता है. 


राज्य मंत्री मुरुगन ने कहा, "जिन आश्वासनों को अभी लागू किया जाना बाकी है, वे नीतियों में बदलाव और संशोधन की जरूरत की वजह से पूरे नहीं हो सके हैं. आश्वासन के ऐलान की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर उसे पूरा किया जाना चाहिए. जिन्हें पूरा नहीं किया जा सका है, उनके लिए एक्सटेंशन मांगा गया है." मुरुगन ने तीन वर्षों (प्रति वर्ष तीन सत्र) के दौरान संसद के पिछले नौ सत्रों में सांसदों के जरिए दिए गए आश्वासनों की कुल संख्या की जानकारी को भी साझा किया है. 


आश्वासन चेक करने के लिए बना ओएएमएस सॉफ्टवेयर


संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने बताया, "संसद के 253वें सत्र में 120 आश्वासन दिए गए. सत्र 254 से 262 तक ये संख्या क्रमशः 105, 25, 221, 70, 95, 118, 99, 0 और 60 थी." वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्य रयागा कृष्णैया के जरिए पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, मंत्री ने संसदीय मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन एश्योरेंस मॉनिटरिंग सिस्टम (ओएएमएस) नामक एक सॉफ्टवेयर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालयों के पास सॉफ्टवेयर के लिए आईडी और पासवर्ड है. 


राज्य मंत्री मुरुगन ने कहा, "मंत्रालय इस पोर्टल पर उन लागू रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं. किसी आश्वासन को हटाने की गुजारिश कर सकते हैं. आश्वासनों को पूरा करने के लिए एक्सटेंशन देख सकते हैं. इसमें ये भी बताया गया है कि आश्वासन को समय पर लागू करने के लिए किन निर्देशों का पालन करना है."


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