Foxconn-Vedanta News: ठेके पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत की वेदांता कंपनी के साथ सेमीकंडक्टर के साझा उपक्रम से हटने का फैसला किया है. इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की प्रतिक्रिया आई है.


केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार (10 जुलाई) को ट्वीट किया, ''वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फॉक्सकॉन के इस फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.''


फॉक्सकॉन ने पिछले साल वेदांता के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र लगाने का करार किया था. इसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था. 



'निजी कंपनियां कैसे साझेदार चुनें, यह सरकार का काम नहीं'


मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट में कहा कि दो निजी कंपनियां कैसे साझेदार चुनती हैं या नहीं चुनती हैं, यह सरकार का काम नहीं है लेकिन आसान भाषा में इसका मतलब है कि अब दोनों कंपनियां भारत में स्वतंत्र रूप से सेमिकॉन और इलेक्ट्रॉनिक्स में उचित तकीनीकी साझेदारों के साथ अपनी रणनीतियों को आगे बढ़ा सकती हैं.


उन्होंने कहा कि 18 महीनों में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को रफ्तार देने की भारत की रणनीति में तेजी से प्रगति देखी गई है जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सेमीकॉन रणनीति और नीति को मंजूरी दी है.


'यह बात अच्छी तरह पता थी कि...'


मंत्री ने कहा कि वेदांता और फॉक्सकॉन दोनों का ही भारत में खासा निवेश है और वे रोजगार देने और वृद्धि के मामले में मूल्यवान निवेशक हैं. उन्होंने कहा, ''यह बात अच्छी तरह पता थी कि दोनों ही कंपनियों के पास पहले से सेमीकंडक्टर का अनुभव या प्रौद्योगिकी नहीं थी. उनसे यह विनिर्माण प्रौद्योगिकी किसी प्रौद्योगिकी साझेदार से लेने की उम्मीद थी. उनके संयुक्त उद्यम ने 28 एनएम चिप के लिए प्रस्ताव दिया था लेकिन वे उसके लिए समुचित प्रौद्योगिकी साझेदार नहीं खोज पाए.''


राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ''जो लोग फॉक्सकॉन/वेदांता के इस फैसले को भारत की सेमीकॉन महत्वाकांक्षा के लिए 'झटका' बता रहे हैं, उनके लिए मैं केवल यही कह सकता हूं कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाले भारत के खिलाफ दांव लगाना एक बुरा विचार है.''


दोनों कंपनियां 'मेक इन इंडिया' के लिए प्रतिबद्ध- अश्विनी वैष्णव


रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी रिएक्शन दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, ''फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर मिशन और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध हैं.''


फॉक्सकॉन ने क्या कहा?


होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर उद्यम से फॉक्सकॉन का नाम हटाने का प्रयास कर रही है. कंपनी ने कहा, ‘‘फॉक्सकॉन का इस इकाई के साथ कोई संबंध नहीं है. मूल नाम बनाए रखने से भविष्य के अंशधारकों के लिए असमंसज की स्थिति पैदा होगी.’’


फॉक्सकॉन ने बयान में कहा कि परस्पर करार के तहत अधिक विविधता वाले अवसरों की संभावनाएं तलाशने के लिए फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. बयान के मुताबिक, होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने पिछले एक साल में सेमीकंडक्टर के विचार को वास्तविकता बनाने के लिए काफी काम किया. कंपनी ने इसे एक अच्छा अनुभव बताते हुए कहा कि आगे चलकर इससे दोनों कंपनियों को मदद मिलेगी.


बयान में कहा गया है, ‘‘फॉक्सकॉन भारत के सेमीकंडक्टर विकास की दिशा को लेकर आशान्वित है. हम सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का मजबूती से समर्थन करते रहेंगे.’’


वेदांता ने क्या कहा?


वेदांता ने सोमवार (10 जुलाई) को कहा कि वह सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए संभावित भागीदारों के संपर्क में है. कंपनी ने कहा कि उसने सेमीकंडक्टर के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सोच पूरी करने के प्रयास तेज कर दिए हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को पुनर्स्थापित करने में महत्वपूर्ण बना हुआ है.


वेदांता ने एक बयान में कहा, ‘‘कंपनी अपनी सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजना के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है. हम देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र लगाने के लिए अन्य भागीदारों के संपर्क में हैं. हम अपनी सेमीकंडक्टर टीम को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे और हमारे पास एक प्रमुख एकीकृत उपकरण विनिर्माण से 40 एनएम (नैनोमीटर) के लिए उत्पादन स्तर का तकनीकी लाइसेंस है.’’वेदांता ने बयान में कहा, ‘‘हम जल्द ही उत्पादन स्तर के 28 एनएम चिप के लिए भी लाइसेंस हासिल कर लेंगे.’’


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