सरकार के बड़े मंत्रियों की भी विपक्ष को मनाने की कोशिश हुई बेकार, सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध अभी भी बरकरार
सरकार के बड़े मंत्री भी विपक्षी पार्टियों से गतिरोध खत्म करने की कोशिश तो जरूर कर रहे हैं लेकिन फिलहाल अभी तक यह गतिरोध खत्म होता नहीं दिख रहा.
सरकार और विपक्ष के बीच लगातार गतिरोध जारी है और सब के चलते मॉनसून सत्र के तीसरे हफ्ते की शुरुआत भी इसी गतिरोध के साथ हुई. लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई विपक्ष के हंगामे के चलते कई बार स्थगित हुई. विपक्ष लगातार पिगैसेस कथित जासूसी कांड से लेकर कृषि कानून और किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है. विपक्ष के हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्रवाई बाधित हो रही है. इस सब के बीच सरकार की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है कि विपक्षी नेताओं से चर्चा कर सदन की कार्रवाई को सुचारू ढंग से चलाया जा सके. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में से एक राजनाथ सिंह ने भी इस सिलसिले में विपक्ष के बड़े नेताओं से संसद के तीसरे हफ्ते की शुरुआत के साथ ही बात भी की लेकिन फिलहाल यह बातचीत भी बेनतीजा रही.
संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा जारी है. हालांकि सरकार की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि वह अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष पहले शांति पूर्वक सदन की कार्रवाई चलाने के लिए तैयार हो. विपक्ष की मांग है कि जब तक सरकार विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे हैं मुद्दों पर चर्चा के लिए वक्त और दिन तय नहीं करती तब तक यह प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा और इस सबके बीच संसद की कार्रवाई लगातार बाधित हो रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा और लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के सदन के नेताओं से फोन पर बातचीत की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने से पहले ऐसा ही एक कॉल राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे को भी किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खड़गे और राजनाथ सिंह में जो बातचीत हुई उसमें राजनाथ सिंह ने खड़गे से सदन की कार्रवाई सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपील की. जिस पर मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब तक विपक्ष की मांगों पर सरकार गौर नहीं करती और चर्चा के लिए तैयार नहीं हो जाती तब तक सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल सकती.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी ऐसा ही फोन किया. सुदीप बंदोपाध्याय ने भी मलिकार्जुन खड़गे की तर्ज पर ही राजनाथ सिंह से कहा कि जब तक विपक्षी सांसदों की बात पर सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं होती तब तक विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुदीप बंदोपाध्याय ने राजनाथ सिंह से फोन कॉल के दौरान साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी पीगैसिस कथित जासूसी कांड पर चर्चा की मांग कर रही है और जब तक यह चर्चा सदन में शुरू नहीं होती तब तक प्रदर्शन और हंगामा चलता रहेगा.
यानी कि साफ है कि कुछ दिन पहले ही राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी विपक्षी पार्टियों की सर्वदलीय बैठक के दौरान पहुंच कर उनसे मुलाकात की थी लेकिन उसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला था.
गौरतलब है कि राज्यसभा और लोकसभा की कार्रवाई लगातार बाधित हो रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मॉनसून सत्र के पहले 2 हफ्तों के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की कुल 107 घंटे की कार्रवाई में से महज 18 घंटे ही कार्रवाई चल पाई और इस सबके चलते देश को 133 करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा.
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