योग को बढ़ावा देने के लिए खेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, योगासन को प्रतियोगी खेल के तौर पर मिली मान्यता
श्रीपद नाइक ने कहा कि योगा प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति भारतीय योग परंपरा से हुई है जो सैकड़ों साल से चला आ रहा है. उन्होंने कहा कि योगा क्षेत्र के लोगों से करीब 3-4 साल तक सलाह मशविरा के बाद सरकार ने योगासन को प्रतियोगी खेल का दर्जा दिया है.
भारत सरकार ने योग को प्रतियोगी खेल (Competitive Sport) के तौर पर गुरुवार को मान्यता दे दी. यानी, अब बाकी खेलों की तरह योग की भी राज्यों में योगा स्पोर्ट्स फेडरेशन होगी और योगा के कॉप्पिटिटिव्स गेम्स के आयोजन किए जाएंगे. आयुष मंत्रालय और युवा एवं खेल मामलों मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नई दिल्ली में केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक और केन्द्रीय युवा एवं खेल मामलों के राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने योगासन को प्रतियोगी खेल के तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता देने का ऐलान किया.
केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- खेलो इंडिया, नेशनल और यूनिवर्सिटी गेम्स में योगासन को प्रतियोगी खेल के तौर पर शामिल किया जाएगा. श्रीपद नाइक ने कहा कि योगा प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति भारतीय योग परंपरा से हुई है जो सैकड़ों साल से चला आ रहा है. उन्होंने कहा कि योगा क्षेत्र के लोगों से करीब 3-4 साल तक सलाह मशविरा के बाद सरकार ने योगासन को प्रतियोगी खेल का दर्जा दिया है.
Yogasana will be introduced as a competitive sport in Khelo India, National and University Games: Union Sports Minister Kiren Rijiju https://t.co/u2wJq7YIoG
— ANI (@ANI) December 17, 2020
उन्होंने आगे कहा कि योगासन योगा का आंतरिक और महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसकी प्रकृति आत्म-शारीरिक है और यह तंदुरुस्ती पर इसके प्रभाव को लेकर यह दुनियाभर में मशहूर है.