सरकार ने Twitter को भेजा नोटिस, पूछा क्यों नहीं आपके खिलाफ कार्रवाई हो? जानें क्या है मामला
सरकार ने गलत नक्शा दिखाने के मामले में Twitter को नोटिस भेजा है. सरकार ने पूछा है कि क्यों नहीं कंपनी के खिलाफ कार्रवाई हो?
नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने Twitter को फिर नोटिस भेजा है और पांच दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा है. दरअसल, ट्विटर की ओर से लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की बजाय जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बताया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने ट्विटर से पांच दिनों में स्पष्टीकरण देने को कहा है कि उसने लेह को केंद्र शासित प्रदेश की बजाय जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में क्यों दिखाया?
बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का एलान किया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था.
सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने अपने नोटिस में ट्विटर को यह बताने का निर्देश दिया है कि गलत नक्शा दिखाकर भारत की क्षेत्रीय अखंडता का अनादर करने के लिए माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म और इसके प्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए.
मंत्रालय ने ट्विटर के वैश्विक उपाध्यक्ष को भेजे गए नोटिस में कहा कि लेह को जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाना माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म द्वारा भारत की संप्रभु संसद की इच्छा को कमतर करने का जानबूझकर किया गया प्रयास है, जिसने लद्दाख को लेह में इसके मुख्यालय के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया है.
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने पत्र का विधिवत जवाब दिया है और हमारे पत्राचार के हिस्से के तौर पर हमने जियो-टैग मुद्दे को लेकर नवीनतम घटनाक्रमों के साथ एक व्यापक अद्यतन जानकारी साझा की है.’’
प्रवक्ता ने कहा कि ट्विटर जन संवाद के लिए सरकार तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ भागीदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्विटर ने इससे पहले लेह को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया था, जिसके बाद आईटी सचिव ने कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी को एक सख्त पत्र लिखा था.
इसके बाद ट्विटर ने चीन को जम्मू कश्मीर से बदल दिया था. हालांकि, लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए ट्विटर ने अभी तक नक्शे को सही नहीं किया है. वह लेह को अभी भी जम्मू कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखा रहा है, जो भारत सरकार की आधिकारिक स्थिति के खिलाफ है.