नई दिल्ली: आतंकवाद और कट्टरपंथ को ‘साझी चिंता’ करार देते हुए सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब इससे निपटने में भारत और पड़ोसी देशों को पूरा सहयोग देगा.


विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी और सऊदी अरब के प्रिंस के बीच मुलाकात के बाद कहा कि सऊदी अरब और भारत, दोनों देशों ने कड़े शब्दों में पुलवामा हमले की निंदा की, दोनों ही देश एक साझा रणनीतिक परिषद के गठन पर राजी हैं.


जब विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि अगर सऊदी अरब भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश करता हो तो विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस समय कोई मध्यस्थता की पेशकश नहीं की जा रही है.





भारत और सऊदी अरब के बीच वार्ता ऐसे समय में हुई है जब सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान भारत आने से पहले इस्लामाबाद यात्रा पर गए थे. उनकी यह यात्रा पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के साथ भारत के बढ़ते तनाव के बीच हुई. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे .


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत के बाद कहा कि पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है और दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि इस खतरे से निपटने के लिये आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों पर सभी संभव दबाव बनाने की जरूरत है.


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इस अवसर पर सऊदी अरब के मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान का तो नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा, ‘‘आतंकवाद और कट्टरपंथ का सवाल है...जो हमारी साझी चिंताएं हैं...मैं भारत को बताना चाहता हूं कि हम आपके साथ पूरा सहसोग करें...चाहे खुफिया जानकारी साझा करने की बात हो... न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देशों के साथ भी.’’


मंगलवार को सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज के आगमन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल से अलग हटते हुए स्वयं उनकी अगवानी की. सऊदी अरब के युवराज भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा पर आए हैं.