सूत्रों ने कहा कि इस खंड के लिए बैंकों को विशेष शाखाओं खोलने की सलाह दी गई है जिनमें कुशल श्रमबल होना चाहिए जो एमएसएमई क्षेत्र की जरूरत को पूरा कर सके. इस बारे में फैसला पिछले महीने वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘पीएसबी मंथन’ में लिया गया था.
इसके अलावा उन्हें क्लस्टर आधारित ऋण भी बढ़ाने को कहा गया है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह की शाखाओं से एमएसएमई क्षेत्र को ऋण बढ़ाया जा सकेगा जो वृद्धि का इंजन माने जाते हैं. सूत्रों ने कहा कि ऋण की सुविधा बढ़ाने के लिए कम से कम 50 क्लस्टरों की पहचान की गई है.