'ब्लैक फंगस' में इस्तेमाल की जाने वाली दवा की आपूर्ति में जुटा स्वास्थ्य मंत्रालय, पांच और उत्पादकों को दिए लाइसेंस
इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए देश में पांच अतिरिक्त उत्पादकों को इसके उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया गया है, जबकि मौजूदा पांच उत्पादक लगातार उत्पादन में बढ़ाने में जुटे हुए हैं.
नई दिल्ली: भारत में बढ़ते म्यूकोरमायकोसिस मामलों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा की आपूर्ति में जुट गया है. म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है. इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए देश में पांच अतिरिक्त उत्पादकों को इसके उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया गया है, जबकि मौजूदा पांच उत्पादक लगातार उत्पादन में बढ़ाने में जुटे हुए हैं.
कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के साथ या बाद में म्यूकोरमायकोसिस के केस सामने आ रहे हैं. म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है जोकि कोरोना मरीज को और खासकर उन्हें जिन्हें डायबिटीज है या जिनके इलाज में स्टेरॉयड इस्तेमाल हुआ है उन्हें हो रहा है. इसके इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फंगल-रोधी दवा एम्फोटेरिसिन-बी की भी कमी बताई गई है, जिसके बाद फार्मा विभाग और विदेश मंत्रालय के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एम्फोटेरिसिन-बी दवा के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं.
देश में एम्फोटेरिसिन-बी के मौजूदा पांच उत्पादक और एक आयातक हैं:
भारत सीरम और वैक्सीन लिमिटेड
बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड
सन फार्मा लिमिटेड
सिपला लिमिटेड
लाइफ केयर इनोवेशन
माईलैन लैब्स (आयातक)
अप्रैल में इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता काफी सीमित थी. ये घरेलू उत्पादक मई में कुल मिलाकर 1,63,752 वायल का उत्पादन करेंगे. इसके उत्पादन को जून के महीने में 2,55,114 वायल तक बढ़ाया जाएगा.
इसके अलावा दवा की घरेलू उपलब्धता को आयात के जरिए पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. मई में एम्फोटेरिसिन-बी की 3,63,000 वायल का आयात किया जाएगा, जिससे देश में इसकी कुल उपलब्धता 5,26,752 वायल होगी, जिसमें घरेलू उत्पादन शामिल है.
वहीं जून 2021 में 3,15,000 वायल का आयात किया जाएगा. इससे जून में घरेलू आपूर्ति के साथ एम्फोटेरिसिन-बी की देशव्यापी उपलब्धता को बढ़ाकर 5,70,114 वायल तक किया जाएगा. वहीं देश में पांच अतिरिक्त उत्पादकों को इस दवा के उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया गया है.
नैटको फार्मास्यूटिकल्स, हैदराबाद
एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स, वडोदरा
गफिक बायोसाइन्स लिमिटेड, गुजरात
एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स, पुणे
लाइका, गुजरात
कुल मिलाकर ये कंपनियां जुलाई 2021 से हर महीने एम्फोटेरिसिन-बी की 1,11,000 वायल का उत्पादन करेंगी. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय विदेश मंत्रालय के साथ बाकी दुनिया के देशों से एम्फोटेरिसिन-बी दवा का आयात करने की कोशिश कर रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली बाकी एन्टी फंगल दवाओं की भी खरीदने की कोशिश कर रहा है.