नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में 10 दिनों में वैक्सीन लगनी शुरू हो सकती है. कोवैक्सीन के इस्तेमाल से पहले रजामंदी लेनी जरूरी होगी. मंजूरी मिलने के 10 दिन बाद वैक्सीन रोल आउट हो सकती है. कोरोना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये बात कही. इसमें कहा गया कि देश के अलग-अलग राज्यों में किया गया वैक्सीन का ड्राई सफल रहा है. गौरतलब है कि 3 जनवरी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के 'कोवशील्ड' और भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी थी.


मंत्रालय ने कहा कि रोजोना आने वाले कोविड19 पॉज़िटिव मामलों की दर 3 फीसदी से कम बना हुआ है. सक्रिय मामलों की संख्या 2.5 लाख है. इनमें से केवल 44 फीसदी ही अस्पतालों में हैं जबकि 56 प्रतिशत केस ऐसे हैं जो एसिंप्टोमेटिक या माइल्ड सिम्टम्स वाले हैं जो होम आइसोलेशन में हैं. प्रेस कॉन्फ्रेस में सरकार ने कहा कि भारत में बीते सप्ताह प्रति लाख आबादी पर केवल 96 नए मामले आए हैं जिनमें प्रति दस लाख एक मौत है.


देश में वैक्सीन पहुंचाने की प्रक्रिया कैसी होगी?


मंत्रालय ने जानकारी दी कि इसे डिजिटल तरीके से मॉनिटर किया जाता है. इस प्रक्रिया में बल्क डिपो पर वैक्सीन भंडारण के दौरान तापमान की भी मॉनिटरिंग करते हैं. लेकिन कोविड टीकाकरण के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो सरकार को सतत और व्यापक निगरानी की क्षमता देती है. डिजिटल माध्यम से ही वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज के लिए तारीख दिया जाएगा. डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत यूनिक हेल्थ आईडी भी बनाया जा सकेगा. जो व्यक्ति इस डिजिटल प्लेटफार्म को चलाएंगे उनके लिए 24×7 हेल्पलाइन की सुविधा होगी.


आईसीएमआर के डीजी बलराम भाग्व ने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल पर नियमावली CTR 2019 यह प्रावधान देता है कि किसी भी वैक्सीन वैक्सीन के फेज 2 के ट्रायल के सुरक्षित डेटा के आधार पर फेज 3 का डेटा आने से पहले आपात इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है.


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