Ministry of Home Affairs Declare PAFF Terrorist Organization: भारत सरकार ने एक बार फिर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर बड़ी चोट की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े ‘पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट’ (PAFF) को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया. यह कार्रवाई इस संगठन के जम्मू-कश्मीर और अन्य स्थानों पर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के चलते की गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी किए गए नोटिफिकेशन में इस संबंध में जानकारी दी गई.
इस अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े अरबाज अहमद मीर को आतंकवाद निरोधक कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया है. अरबाज अहमद मीर मूल रूप से जम्मू कश्मीर का रहने वाला है. फिलहाल वह पाकिस्तान में छिपकर बैठा है.
दूसरे राज्य के लोगों को करता है टारगेट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि पीएएफएफ सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और अन्य राज्यों से संबंध रखने वाले जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे नागरिकों को लगातार धमकियां दे रहा है. यह अन्य संगठनों के साथ मिलकर हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों से हमलों को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती भी पड़े पैमाने पर कर रहा है. नोटिफिकेशन में बताया गया है कि यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है.
गुरुवार को टीआरएफ पर लगाया था बैन
इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) पर प्रतिबंध लगाया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया था कि टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है.
एजाज अहमद अहंगर को किया था आतंकवादी घोषित
वहीं, बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कश्मीर मूल के एजाज अहमद अहंगर उर्फ अबू उस्मान अल-कश्मीरी को आतंकवादी घोषित किया था. इस खूंखार आतंकवादी के अल-कायदा से संबंध हैं और वह अन्य वैश्विक आतंकवादी समूहों के संपर्क है. वह भारत में इस्लामिक स्टेट (IS) को फिर से शुरू करने में जुटा है. एजाज अहमद अहंगर वर्तमान में अफगानिस्तान में छिपा हुआ है और वह 'इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर' के लिए आतंकियों को भर्ती करने वालों में प्रमुख है.
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