Citizenship Amendment Act News: गृह मंत्रालय (MHA) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों को तैयार और लागू करने के लिए सातवीं बार विस्तार दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले से परिचित अधिकारियों का हवाला देते हुए शनिवार (7 जनवरी) को ये जानकारी दी. मंत्रालय की ओर से संसदीय समितियों से संपर्क करने के कुछ दिनों बाद उन्हें अगले छह महीनों के लिए राज्यसभा से मंजूरी मिल गई और अभी भी लोकसभा से मंजूरी मिलने का इंतजार है. 


नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद की ओर से पारित किया गया था. इसे अगले दिन राष्ट्रपति की सहमति मिली और बाद में गृह मंत्रालय के जरिए अधिसूचित किया गया. सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का प्रयास करता है, जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं. 


कानून को लागू किया जाना बाकी


कानून को अभी लागू किया जाना बाकी है, क्योंकि सीएए के तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं. राज्यसभा और लोकसभा में अधीनस्थ विधान पर संसदीय समितियों ने क्रमशः 31 दिसंबर, 2022 और 9 जनवरी, 2023 तक गृह मंत्रालय को विस्तार दिया था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमने अधिक समय की मांग करते हुए संसदीय समितियों से संपर्क किया है. हमें राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है और उम्मीद है कि लोकसभा से भी मंजूरी मिल जाएगी. 


क्या कहती है संसदीय कार्य पर नियमावली?


संसदीय कार्य पर नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के लिए नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए, या लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों से विस्तार की मांग करनी चाहिए. चूंकि गृह मंत्रालय सीएए के लागू होने के छह महीने के भीतर नियम नहीं बना सका, इसलिए उसने छह मौकों पर संसदीय समितियों से समय मांगा. पहला विस्तार जून 2020 में दिया गया था. 


सीएए निश्चित रूप से लागू होगा- अमित शाह


इससे पहले पिछले साल नवंबर में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण अधिनियम को लागू करने में देरी हुई है. उन्होंने कहा था कि सीएए (CAA) निश्चित रूप से लागू होगा और जो लोग सोचते हैं कि ऐसा नहीं होगा, वे गलत साबित होंगे. 


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