भारत सरकार के चौथे सीरो सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश में करीब 67.6 प्रतिशत लोगों में SARS-COV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो गई है. यह एंटीबॉडी या तो वैक्सीन लेने से आई है या संक्रमण के बाद आई है. एंटीबॉडी का मतलब कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास है. इस सीरो सर्वे का मतलब हुआ कि देश में अभी भी सिर्फ आधे लोगों के शरीर में ही कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हुआ है. आधे से कुछ कम लोग में अब भी कोरोना संक्रमण को जोखिम का खतरा है.


इसे देखते हुए और कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर भारत सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा है कि किसी को भी पूरी तरह से वैक्सीन लिए बिना कहीं की गैरजरूरी यात्रा नहीं करनी चाहिए. सरकार ने इसके लिए सेवन प्वॉइंट एडवाइजरी जारी की हैं-


सरकार की सात सूत्रीय एडवाइजरी


आत्मसंतोष की जगह नहीं
सरकार ने कहा है कि देश में चौथा सीरो सर्वे कुछ उम्मीद बढ़ाता है लेकिन इससे खुशफहमी में नहीं रहना चाहिए. देश के 32 प्रतिशत लोग अब भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं. 


जिलास्तरीय स्थिति अलग
सरकार ने कहा है कि चौथा राष्ट्रीय सीरो सर्वे किसी खास जिले से संबंधित नहीं है. यह ओवरऑल डाटा है. इसका मतलब यह नहीं है कि किसी खास जिले में 66 प्रतिशत लोगों में हार्ड इम्युनिटी विकसित हो गई है. हो सकता है, इससे कम लोगों में भी हार्ड इम्युनिटी विकसित हुई हो.  


राज्य स्तरीय कार्रवाई की जरूरत
स्थानीय स्तर पर कोविड के खिलाफ लोगों में कितनी हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है, इसके लिए अलग से सीरो सर्वे करने की जरूरत है. इस तरह कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए राज्य स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत होगी. 


कोरोना की आगामी लहर संभव
हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि सीरो सर्वे के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कोरोना की आगामी लहर संभव है क्योंकि किसी राज्य में कोरोना के खिलाफ बहुत ज्यादा लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो गई है जबकि किसी-किसी राज्यों में कोरोना के खिलाफ लोगों में बहुत कम विकसित हुई है. सीरो सर्वे में जिस राज्य में हर्ड इम्युनिटी कम है, स्वभाविक तौर पर वहां कोरोना संक्रमण का जोखिम ज्यादा है.


गैर जरूरी यात्रा पर लगाम
जुलाई के पहले सप्ताह से न सिर्फ पहाड़ी राज्यों में पर्यटन बल्कि स्थानीय बाजारों में भी लोगों की भीड़ इकट्ठी होने लगी है. केंद्र सरकार की चेतावनी के बाद कुछ राज्यों ने छूट को फिर से सीमित किया है लेकिन यह नाकाफी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गैर जरूरी यात्रा को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. 


भीड़ पर लगाम
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लगाम लगानी चाहिए. धार्मिक स्थलों, राजनीतिक समारोहों, सभागारों आदि में जाने की लोगों को छूट दे दी गई जिसके कारण भीड़ जमा होने लगी है. इस तरह की भीड़ पर लगाम लगाने की जरूरत है. हाल ही में उत्तराखंड, यूपी और दिल्ली ने कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है. 


पूर्ण वैक्सीनेशन के बाद ही यात्रा
हेल्थ मिनिस्ट्री ने फुली वैक्सीनेटेड लोगों को ही यात्रा पर जाने के अनुमति देने पर जोर दिया है. फुली वैक्सीनेटेड या पूरी तरह से टीकाकरण का मतलब सरकार द्वारा तय मानक के अनुसार वैक्सीन की दोनों डोज लेने से है.


ये भी पढ़ें-


कश्मीर में खुद पर फर्जी आतंकी हमले का नाटक करने वाले बीजेपी के दो कार्यकर्ता गिरफ्तार


जासूसी कांड का मुद्दा अब संसदीय समिति में भी उठेगा, IT और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया गया