आईटी नियम 2021 के मुताबिक एपल के आई-मैसेज को एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ नहीं माना जाएगा. दरअसल एपल के आई-मैसेज के भारत में 25 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं, इसलिए इसे शुरू में एक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ माना गया था. वहीं 26 मई को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एपल इंडिया को पत्र लिखकर नए नियमों के अनुपालन के बारे में विवरण मांगा था, लेकिन बाद में पत्र को वापस ले लिया गया था क्योंकि ये दो या ज्यादा यूजर्स के बीच बातचीत का तुरंत संदेश सेवा प्रदाता नहीं था.


जानकारी के मुताबिक सरकार सोशल मीडिया को किसी भी मंच के रूप में परिभाषित करती है जो 'मुख्य रूप से या पूरी तरह से' दो या दो से ज्यादा यूजर्स के बीच ऑनलाइन बातचीत की अनुमति देता है और सक्षम करता है. साथ ही कोई चीज अपलोड करने, साझा करने, प्रसारित करने, संशोधित करने या उपयोग करने वाली जानकारी यूजर तक पहुंचने की अनुमति देता है. ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, सिग्नल और लिंक्डइन भारत में सक्रिय प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों में से एक हैं.


मंत्रालय ने पत्र लिखकर मांगा विवरण


जानकारी के मुताबिक 26 मई को सोशल मीडिया के लिए आईटी नियमों का पालन करने के लिए 90 दिन का समय खत्म होने के बाद मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को पत्र लिखकर अनुपालन का विवरण मांगा था, जैसे मुख्य अनुपालन अधिकारी का नाम और संपर्क, नोडल संपर्क व्यक्ति और निवासी शिकायत अधिकारी आदि अनिवार्य है.


कोई भी मैसेजिंग सिस्टम अनुपालन के दायरे से बाहर नहीं


उद्योग के सूत्रों ने बताया कि आईटी नियमों की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी मैसेंजिग सिस्टम अनुपालन के दायरे से बाहर नहीं हैं. नए आईटी नियमों के मुताबिक यूजर की संख्या और समयसीमा एक सोशल मीडिया मध्यस्थ के लिए जरूरी है.


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