Supreme Court: पिता को लीवर देना चाहता है नाबालिग बेटा, खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
Minor Wants To Donate Liver: यूपी में रहने वाला 17 साल का नाबालिग लड़का अपने पिता को लीवर दान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उसका कहना है कि मामले में जल्द फैसला लेने की जरूरत है.
Minor Liver Donation Case: उत्तर प्रदेश का एक नाबालिग लड़का अपने बीमार पिता को लीवर दान करना चाहता है. इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है. नाबालिग लड़के के वकील ने पीठ को बताया कि उसके पिता की हालत बेहद गंभीर है और यही उनकी जान बचाने का एकमात्र तरीका है.
इस याचिका में कहा गया था कि नाबालिग लड़का अपने पिता को लीवर दान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उनकी हालत गंभीर है इसलिए मामले में जल्द से जल्द फैसला लिया जाना चाहिए. ऐसे में कोर्ट ने भी यूपी सरकार से जवाब मांगा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को सुनवाई की अगली तारीख 12 सितंबर को उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
यह याचिका 8 सितंबर, 2022 को ही दायर की गई थी. तात्कालिकता को ध्यान में रखते हुए इसपर अगले ही दिन सुनवाई की गई. अब इस मामले में 12 सितंबर को सुनवाई होनी है. दरअसल, ऐसे में मामलों में मरीज की हालत को देखते हुए सरकार को जल्द फैसला लेना होता है. यही कारण है कि कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है.
नाबालिग को अंग दान की अनुमति नहीं
बता दें कि भारतीय कानून के अनुसार नाबालिग को मौत से पहले अंग दान करने की अनुमति नहीं है. सरकार के ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एंड टिशू रूल 2014 के अनुसार नाबालिग को जीवित अंग या ऊतक को दान करने की अनुमति नहीं है. हालांकि उचित कारण बताए जाने पर अंग दान किए जा सकते हैं. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने भी ठीक ऐसा ही मामला आया था. जहां पर 16 वर्षीय लड़की ने अपने बीमार पिता को अपने लीवर का एक हिस्सा डोनेट करना चाहती थी.
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