(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अफगानिस्तान में प्रताड़ित हो रहे अल्पसंख्यक समुदाय को भारत और अमेरिका से मिला समर्थन
अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय अल्पसंख्यक 7 लाख से घटकर 700 पर आ गए हैं. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कांग्रेस की जैकी स्पीयर ने एक प्रस्ताव पेश कर इन दोनों समुदायों को अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के तहत फिर से बसाए जाने की बात कही है.
नई दिल्लीः अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय अब अल्पसंख्यक से खिसक कर लुप्तप्राय होने की कगार पर आ गए हैं. बीते 3 दशकों में यहां इनकी संख्या 7 लाख से घटकर महज़ 700 पर आ गई है. इसके चलते हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को भारत के साथ अमेरिका में भी समर्थन मिल रहा है. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में कांग्रेस की जैकी स्पीयर ने एक प्रस्ताव पेश कर इन दोनों समुदायों के सदस्यों को अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के तहत फिर से बसाए जाने की बात कही है.
3 दशकों में कम हुए 99 प्रतिशत अल्पसंख्यक
जैकी स्पीयर का कहना है कि अफगानिस्तान में सिख और हिंदूओं पर निशाना बना कर हमला किया जा रहा है, जिसके चलते बीते 3 दशकों में यहां इन अल्पसंख्यकों की 99 प्रतिशत जनसंख्या को पलायन करना पड़ा है. उनका कहना है कि सिख और हिंदू अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक से इतने कम हो गए हैं कि उन्हें लुप्तप्राय अल्पसंख्यक माना जा सकता है.
7 लाख से 700 तक पहुंचे सिख और हिंदू अल्पसंख्य
अफगान समाचार एजेंसी टोलो न्यूज के अनुसार बीते 3 दशकों में सिख और हिंदू अल्पसंख्यक समुदायों के लगभग 99 फीसदी लोगों को अफगानिस्तान से पलायन करना पड़ा है. इसमें कहा गया है कि सिक्खों का इतिहास 500 साल पुराना है. वहीं अफगानिस्तान में उनकी संख्या मात्र 600 रह गई है. टोलो न्यूज के अनुसार 1970 के दशक में इन समुदायों की जनसंख्या लगभग 7,00,000 थी. जो अब घटकर महज 700 हो गई है.
फिर से बसाए जाने का प्रस्ताव
जैकी स्पीयर ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि इन दोनों समुदायों के सदस्यों को अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम के तहत फिर से बसाया जाएगा. इससे पहले 23 जुलाई को भारत सरकार ने कहा था कि अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत की सरकार भारतीय नागरिकता के लिए उनके अनुरोध पर काम कर रही है.
मिल सकती है भारतीय नागरिकता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार केंद्र सरकार को इन समुदायों से अनुरोध प्राप्त हुए थे कि वे भारत में आना चाहते हैं और यहां बसना चाहते हैं. अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के बावजूद हम अनुरोधों को सुविधाजनक बनाने की ओर अग्रसर हैं.
इसे भी देखेंः
यूपी में अदालतों- अधिकरणों के अंतरिम आदेश 31 अक्तूबर तक बढ़े