नई दिल्ली: देश के चुने गए नए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज राजनीतिक प्रचार बताकर खारिज कर दिया. नायडू ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी इंटरव्यू की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है.


देश में सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है: नायडू


वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं. यह एक राजनीतिक प्रचार है. पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है.’’ उन्होंने इस बात से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और कहा कि भारतीय समाज अपने लोगों और सभ्यता की वजह से दुनिया में सबसे सहिष्णु है. उन्होंने कहा कि यहां सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है.


इतिहास सबूत है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं हुआ: वेंकैया नायडू


पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने एक समुदाय को अलग दिखाकर देश में लोगों को बांटने की कोशिश के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इससे दूसरे समुदायों से विपरीत प्रतिक्रिया आएगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा , ‘‘अगर आप एक समुदाय को अलग करके देखेंगे तो दूसरे समुदाय इसे अन्यथा लेंगे. इसलिए हम कहते हैं कि सभी समान हैं. किसी का तुष्टिकरण नहीं सभी के लिए न्याय.’’ उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का सबूत है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं हुआ.


भारत के खून और ज़हन में धर्मनिरपेक्षता है: नायडू


वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों को संवैधानिक जिम्मेदारियों समेत अहम पद हासिल हुए हैं क्योंकि यहां कोई भेदभाव नहीं है, और ऐसा उनकी योग्यता के कारण संभव हुआ .’’ उन्होंने कहा कि भारत की विशिष्टता, विविधता में एकता और ‘सर्व धर्म सद्भाव’ है. भारत के खून और ज़हन में धर्मनिरपेक्षता है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत अपने राजनेताओं की वजह से नहीं बल्कि अपने लोगों और सभ्यता की वजह से धर्मनिरपेक्ष है.’’ कथित असहिष्णुता की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि भारत एक विशाल देश है और इक्का-दुक्का मामले सामने आ सकते हैं जो कुछ और नहीं अपवाद हैं.


हालांकि नायडू ने कहा, ‘‘समुदाय के आधार पर कोई भी साथी नागरिकों पर हमले को सही नहीं ठहरा सकता.’’ ऐसी घटनाओं की निंदा होनी चाहिये और अधिकारियों की तरफ से  कार्रवाई की जानी चाहिए.


असली समस्या है वोट बैंक राजनीति: वेंकैया नायडू


नायडू ने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक वजहों से ऐसे मामलों में तिल का ताड़ बना देते हैं. कुछ लोग तो इस स्तर तक चले जाते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ऐसे मुद्दों को उठाकर देश को बदनाम तक करने लगते हैं. कुछ समुदायों के बीच दरार डालकर राजनीतिक स्वार्थसिद्धि के लिए ऐसा करते हैं . असली समस्या वोट बैंक राजनीति और एक खास समुदाय को वोटबैंक माने जाने की वजह से है.


देश के अगले उप-राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से एक दिन पहले उन्होंने कहा कि राजनेताओं को उनकी सलाह है कि वे समुदायों को राजनीति में न घसीटें.