Mirage And Sukhoi Accident: भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान (एक सुखोई एमकेआई और एक मिराज-2000) शनिवार (28 जनवरी) सुबह एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो अन्य पायलट घायल हो गए. दोनों विमानों का मलबा मुरैना जिले के पहाड़गढ़ इलाके में गिरा. मलबे का कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र में भी गिरा, जो मध्यप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. 


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर एकत्र हुए लोगों ने दोनों पायलटों को झाड़ियों से बाहर निकाला और उन्हें जमीन पर लेटाया. इसके कुछ देर बाद वायुसेना का हेलीकॉप्टर आया और दोनों पायलटों को इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 50 से अधिक सैन्य कर्मियों ने विमान और हेलीकाप्टर दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई है.


कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश जारी


भारतीय वायुसेना ने शनिवार को दुर्घटना की 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' का आदेश दिया है, ताकि इसके पीछे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके. एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घटना के बारे में जानकारी दी. राजनाश सिंह ने कहा, "हम इस मुश्किल घड़ी में विंग कमांडर सारथी के परिवार के साथ खड़े हैं." 


क्या थी टक्कर की वजह?


एक अधिकारी ने कहा, "हालांकि यह आमने-सामने की टक्कर नहीं थी, लेकिन ऐसा लग रहा था कि दोनों विमानों के पंख आपस में टकरा गए हैं." उन्होंने ये भी कहा, "अभी इस हादसे की जांच जारी है. ये कहना बेहद मुश्किल है कि क्या दोनों लड़ाकू विमानों में से किसी में एक कोई खराबी आ गई थी या किसी पक्षी के टकराने से ऐसा हुआ है..."


प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?


अधिकारियों ने बताया कि हादसे में कोई नागरिक घायल नहीं हुआ है और न ही जमीन पर किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. पहाड़गढ़ और पिंगोरा (भरतपुर) के ग्रामीणों ने कहा कि विस्फोटों से उनके घरों के दरवाजे और खिड़कियां टूट गईं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आसपास के लोगों ने मिट्टी फेंककर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर जल्द ही आसपास के 15 गांवों के 1,500 से अधिक लोग आ गए.


'आसमान में आग की लपटें देखीं'


पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने घटनास्थल पर मौजूद मीडिया को बताया, "मैं कुछ लोगों के साथ खड़ा था. हमने बम विस्फोट की जैसी तेज आवाज सुनी. इसके बाद आसमान में आग की लपटें देखीं और आग के गोले गिरते देखे.. इसके बाद एक विमान पहाड़गढ़ के जंगल इलाके में गिरते देखा और दूसरा विमान भरतपुर इलाके में."


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