Most Influential Muslims: हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष और इस्लामिक विद्वान मीरवाइज उमर फारूक, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के साथ वैश्विक स्तर पर 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों की सूची में शामिल हैं. वहीं मौलाना महमूद मदनी इस सर्वे में 14वीं बार दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुस्लिम शख्सियतों में शामिल किए गए हैं. इस बार उन्हें विश्व में 15वां जबकि भारत के प्रभावशाली लोगों में पहला स्थान दिया गया है. रिसर्च करने वाली संस्था ने मदनी की धार्मिक और सामाजिक सेवाओं को सराहते हुए उन्हें 'पर्सन ऑफ द ईयर' के खिताब से भी नवाजा है. हैरानी की बात है कि इस लिस्ट में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम शामिल नहीं है. 


हुर्रियत ने एक बयान में कहा कि वार्षिक सूची जॉर्डन स्थित रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर (आरआईएसएससी) ने जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय के सहयोग से जारी की थी और सोमवार को प्रकाशित की गई. सऊदी अरब के राजा सलमान, ईरान के अयातुल्ला खामेनेई और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला भी सूची में शामिल लोगों में शामिल थे. 


कौन हैं 'पर्सन ऑफ द ईयर' महमूद मदनी?


मौलाना महमूद मदानी (जन्म 3 मार्च 1964) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और इस्लामी विद्वान हैं. वे 2006 से 2012 तक राज्य सभा के सदस्य रहे. वह मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव हैं. महमूद मदानी का मानना है कि इस्लाम में आतंकवाद को कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए और इस्लाम ही एकमात्र धर्म है जो आतंकवाद को परिभाषित करता है और इसका पालन करता है. महमूद मदनी द्विराष्ट्र सिद्धांत और भारत विभाजन के खिलाफ भी बोल चुके हैं.


कौन हैं मीरवाइज उमर फारूक?


मीरवाइज मोहम्मद उमर फारूक (जन्म 23 मार्च 1973) कश्मीर के मीरवाइज हैं. वह कश्मीर के एक इस्लामी, अलगाववादी राजनीतिक नेता हैं. वह कश्मीर घाटी के इस्लामी धार्मिक मौलवी हैं. कश्मीर के मीरवाइज और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के रूप में, उमर फारूक की कश्मीर घाटी में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और राजनीतिक भूमिका है. उन्हें कश्मीर के मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता के रूप में देखा जाता है.


हुर्रियत के बयान के अनुसार, RISSC-जॉर्डन ने उनके बारे में कहा, "वह (फारूक) भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ बातचीत की वकालत कर रहे हैं, ताकि कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं को साकार किया जा सके." यहां ये भी जान लीजिए कि फारूक 4 अगस्त, 2005 से नजरबंद हैं, जब संसद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित किया था.


कौन हैं दुनिया के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम?


द मुस्लिम 500 सूची के अनुसार, किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद को वर्ष 2023 के लिए सबसे प्रभावशाली मुस्लिम के रूप में स्थान दिया गया है. शीर्ष 50 में सूचीबद्ध प्रमुख वैश्विक हस्तियों में ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, कतर के अमीर शेख तमीम बिन हामिद अल-थानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल-हुसैन भी शामिल थे. 


लिस्ट में शहबाज शरीफ और इमरान खान का भी नाम


इसी के साथ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा, पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान, मौलाना तारिक जमील, मुफ्ती मुहम्मद तकी उस्मानी, डॉ अट्टा-उर-रहमान, सिराजुल हक, मलाला यूसुफजई का नाम भी प्रभावशाली मुसलमानों में रखा गया है.


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