ऊधमपुर: जम्मू-कश्मीर में देश की सबसे लंबी रोड टनल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊधमपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पत्थर की ताकत के जरिए कश्मीर के युवाओं को सही रास्ते पर आने का न्यौता दिया.
पीएम मोदी ने पत्थर के सही इस्तेमाल और इसकी असली ताक़त का हवाला देते हुए घाटी से नौजवानों को मुखातिब करके कहा है कि कुछ भटके नौजवान पत्थर फेंकने में लगे हैं तो यहां कुछ नौजवान पत्थर को काटकर कश्मीर का भविष्य बनाने में लगे हैं.
घाटी के भटके और बहके नौजवानों को सीधी राह पर लाने की कोशिश करते हुए मोदी ने कहा, "घाटी के जवानों के पास दो रास्ते हैं: एक रास्ता टूरिज्म का है तो दूसरा रास्ता टेररिज्म का है. 40 साल में अगर टूरिज्म पर बल दिया गया होता तो पूरी दुनिया कश्मीर घाटी के चरणों में आकर बैठी होती."
उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "इन 40 साल में अनेक निर्दोष लोगों ने जानें गंवाई. किसी का फायदा नहीं हुआ. अगर लहूलुहान हुई तो मेरी कश्मीर घाटी हुई है."
जम्मू-कश्मीर का विकास
9.2 किलोमीटर लंबी सुरंग को सूबे के विकास की छलांग करार देते हुए मोदी ने कहा कि यह केवल रास्तों का नेटवर्क नहीं बल्कि दिलों का नेटवर्क बनेगा.
घाटी के किसानों के लिए इसे वरदान करार देते हुए मोदी ने कहा, "ये सुरंग जम्मू में जरूर हैं, लेकिन घाटी की भाग्य रेखा है, घाटी के किसानों के लिए ये सुरंग वरदान बनकर आई है. अब खराब मौसम में भी उनके फल बर्बाद नहीं होंगे."
सुरंग निर्माण को लेकर जम्मू-कश्मीर के युवाओं की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा, "सुरंग बनाने में भारत सरकार का पैसा जरूर लगा है, लेकिन इसमें जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के पसीने की महक है."
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि इस सुरंग के जरिए वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर वालों को दिखाना चाहते हैं कि आपको कितना बर्बाद किया गया है. उन्होंने कहा कि जो सीमा पार बैठे हैं वो खुद को नहीं संभाल पाते हैं.
पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की राह पर चलते हुए पीएम मोदी ने कश्मीर के विकास के लिए कश्मिरियत, इंसानियत और जम्हूरियत के मूल मंत्र को दोहराया.
सबसे दिलचस्प बात ये रही है कि पीएम मोदी ने ऊधमपुर की रैली में मौजूद लोगों से देश की सबसे लंबी सुरंग का उद्घाटन कराया. इसके लिए उन्होंने अजब तरकीब का इस्तेमाल किया. पीएम ने अपनी रैली के संबंधोन के शुरू में कहा कि सब लोग अपने स्मार्टफोन की फ्लैश लाइट ऑन करें और भारत माता की जय कहें.. उनकी बात पर अमल करते हुए मौजूद लोगों ने ऐसा किया और इस तरह उन्होंने टनल के उद्घाटन में सबको शामिल कर लिया.
आपको बता दें कि इस टनल के शुरू होने से जम्मू-श्रीनगर की दूरी 30 किलोमीटर तक घट गई है. ये टनल चेनाई से नाशरी के बीच जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर बनाई गई है.