हिंद महासागर में चीन की हरकतों के बीच आज भारतीय नौसेना को मिलेगी INS मोरमुगाओ की ताकत, जानें विध्वंसक की हर बड़ी बात
Indian Navy ने बताया, इस पोत की विशेषता यह है कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है. इसे हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत निर्मित किया गया है.
INS Mormugao: हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक 'आईएनएस मोरमुगाओ' को आज भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा. भारतीय नौसेना के अनुसार यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में पोत का जलावतरण करेंगे.
नौसेना ने बताया, इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है. इसे भारत के निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है. पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोरमुगाओ नाम रखा गया है. संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे.
चार 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरे विध्वंसक को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा. इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है और निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है.
पोत की खासियत
पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है. पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है. नौसेना ने कहा कि पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है और पोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है. पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में सक्षम है.
समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा भारत
उल्लेखनीय है कि भारत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दुस्साहस पर चिंताओं की पृष्ठभूमि में हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है. नौसेना ने बताया, "इस पोत की विशेषता यह है कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है और इसे हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत निर्मित किया गया है."
44 और पोतों का किया जा रहा निर्माण
नौसेना ने आगे कहा, "आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के दृढ़ निश्चय के साथ 44 पोतों और पनडुब्बियों में से 42 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है और इस तरह 'आत्मनिर्भर भारत' के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके अलावा, 55 पोतों और पनडुब्बियों के निर्माण के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं. इनका निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जाएगा."
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