नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 के लापता हुए तीन दिन बीत चुके हैं. अब तक विमान के बारे में कोई सूचना नहीं है. खोजने के लिए लगातार ऑपरेशन जारी है. विमान एएन-32 में पायलट आशीष तंवर समेत कुल 13 लोग सवार थे. जब तंवर ने सोमवार को 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से मेंचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी तो उसी समय उनकी पत्नी संध्या भी जोरहाट बेस पर तैनात थी. अचानक एक बजे विमान और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का संपर्क टूट गया. संध्या और आशीष की शादी फरवरी 2018 में हुई थी.


हरियाणा के पलवल के रहने वाले पायलट आशीष तंवर के चाचा उदयबीर ने बताया कि आशीष तंवर के बारे में जब सूचना मिली तभी से पूरा परिवार सदमे में है. आशीष तंवर के लापता होने की सूचना मिलने पर उनके घर पर जहां रिश्तेदारों का तांता लगा है. वहीं गांव में कोहराम मचा है. उदयबीर ने कहा, ''हमें सूचना मिली थी. जिसके बाद उसके माता-पिता असम गए हैं. बाद में यह सूचना भी मिली कि प्लेन क्रैश हो गया है.''


आशीष तंवर ने कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद दिसंबर 2013 में वायु सेना ज्वाइन की थी. साल 2015 के मई माह में कमीशन मिलने के बाद पायलट बने. आशीष तंवर अपने माता-पिता का अकेला बेटा है और शुरू से ही मेधावी और होनहार रहे.


लापता विमान AN 32 का अब तक सुराग नहीं, खराब मौसम की वजह से खोज अभियान में हो रही है काफी परेशानी


एएन-32 की तलाश के लिए सोमवार से ही ऑपरेशन जारी है. लेकिन खराब मौसम की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वायु सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि लापता विमान की तलाश के अभियान में तीसरे दिन दो सुखोई-30 विमानों को भी लगाया गया. इसके अलावा सी-130 जे और एएन 32 विमानों और दो मिग-17 और एएलएच के दो हेलिकॉप्टरों की भी सेवाएं ली जा रही है. सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और राज्य पुलिस के कर्मी भी जमीन पर अभियान में जुटे हुए हैं.


वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि विमान की तलाश में जुटे बचावकर्मियों की मदद के लिए इसरो के कार्टोसेट और रिसैट उपग्रहों से मेंचुका के आसपास के इलाके की तस्वीरें ली जा रही है.